नीतीश के पास एम्स निदेशक से मिलने का समय नहीं है तो इस राज्य के बच्चों को मरने से भला कौन बचा सकता है

मैंने रपट उलट पलट कर देखी और फिर कहा कि इस मुद्दे पर तो आपको नीतीश सरकार से बात करनी चाहिए।

New Delhi, Jun 16 : एक दिन एम्स के तत्कालीन डायरेक्टर डॉक्टर जीके सिंह ने मुझे फोन किया और कहां कि भाई साहब आपसे कुछ बात करनी है। कब आप से भेंट हो सकती है? मैं उसी दिन शाम को पटना एम्स के निदेशक डॉ गिरीश कुमार सिंह के यहां चला गया। डायरेक्टर साहब ने मुझे 30 32 पेज की एक रिपोर्ट दी और कहा कि पटना एम्स के डॉक्टरों की टीम ने मुजफ्फरपुर से लेकर गोरखपुर तक फैले मस्तिष्क ज्वर पर 1 वर्ष तक अनुसंधान किया है। इसी अनुसंधान की यह रपट है।

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मैंने रपट उलट पलट कर देखी और फिर कहा कि इस मुद्दे पर तो आपको नीतीश सरकार से बात करनी चाहिए। छूटते ही उन्होंने कहा जी भाई साहब मसला तो यही है कि मैं बहुत दिनों से मुख्यमंत्री जी से मिलने का प्रयास कर रहा हूं और वे समय ही नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री लालू का लाल तेज प्रताप यादव हैं और उनसे मिलने का कोई मतलब नहीं है। मैंने तत्कालीन प्रधान सचिव श्री आरके महाजन से मिला था तो उन्होंने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से मिलने की सलाह दी। मैं उस समय जेडीयू का प्रदेश उपाध्यक्ष था। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री आवास पर फोन करके और एम्स के एक प्रतिनिधि मंडल के मिलने की बात लिखवा दी। जब बहुत दिनों तक इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री आवास से कोई सूचना नहीं आई तो फिर सिंह साहब ने मुझसे संपर्क किया।

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मैंने तत्कालीन मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह को इन सारे मामले से अवगत कराया और डॉक्टर जी के सिंह जी की उनसे बात भी करवाई। पटना एम्स के निदेशक डॉक्टर सिंह ने मुख्य सचिव महोदय से मुख्यमंत्री से मिलने का समय सुनिश्चित करवाने की गुजारिश की।
डॉक्टर जीके सिंह 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा कर, किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ लौट गए। डॉक्टर सिंह उत्तर प्रदेश के एक बहुत ही महत्वपूर्ण परिवार से नाता रखते हैं। इनके पिताजी को कांग्रेस की केंद्र सरकार ने पद्मश्री की उपाधि से विभूषित किया था। डॉक्टर सिंह के मामा डॉ राजेंद्र सिंह जी थे जो फिजिक्स के प्रख्यात विद्वान, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक हुए थे।

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डॉ गिरीश कुमार सिंह ने कहा था कि मस्तिष्क ज्वर क्यों होता है ?इसके बारे में पटना एम्स के डॉक्टरों की टीम ने 1 वर्ष तक अनुसंधान कर एक निष्कर्ष पर पहुंचकर, बिहार सरकार से बात कर मस्तिष्क ज्वर के समूल निदान का प्रयास करना चाहता है। अगर बिहार सरकार का सहयोग मिलेगा तो मस्तिष्क ज्वर की समस्या का निदान निकल सकता है।
मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी को एम्स के निदेशक और डॉक्टरों से मिलने का समय नहीं है तो फिर इस राज्य के बच्चों को मरने से भला कौन बचा सकता है।

(उत्कर्ष चौहान के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)