साईकिल की दुकान से संसद तक, कभी पंचर लगाते थे अब प्रोटेम स्पीकर की मिली जिम्मेदारी

प्रोटेम स्पीकर उन्हें कहा जाता है, जो चुनाव बाद पहले सत्र में स्थायी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का चुनाव होने तक संसद या विधानसभा का संचालन करते हैं।

New Delhi, Jun 17 : 17वीं लोकसभा के लिये एमपी के टीकमगढ संसदीय सीट से बीजेपी सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया, उन्होने नवनिर्वाचित सांसदों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, सोमवार सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें बतौर सांसद लोकसभा में शपथ दिलाया, इसके बाद उन्हें प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया, जिसके बाद उन्होने बाकी सांसदों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

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सात बार सांसद
आपको बता दें कि डॉ. वीरेन्द्र कुमार 7 बार के सांसद हैं, वो चार बार टीकमगढ लोकसभा और तीन बार सागर सीट से सांसद रह चुके हैं, वर्तमान में वो टीकमगढ से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं, उन्होने कांग्रेस उम्मीदवार किरण अहिरवार को लगभग 3.48 लाख वोटों से हराया था।

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कौन हैं डॉ. वीरेन्द्र कुमार
मालूम हो कि वीरेन्द्र कुमार का जन्म एमपी के सागर जिले में 27 फरवरी 1954 को हुआ था, उन्होने अर्थशास्त्र में एमए और बाल श्रम संबंधी विषय पर पीएचडी किया है। वीरेन्द्र कुमार युवा अवस्था में ही आरएसएस से जुड़़ गये थे, वो संघ के सक्रिय कार्यकर्ता और प्रचारक रहे हैं। पहली बार 1996 में सागर लोकसभा सीच से वो सांसद बने, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें मंत्री पद भी मिला था।

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साईकिल की दुकान
वीरेन्द्र कुमार बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे, उनके पिता साईकिल की दुकान चलाते थे, जहां वीरेन्द्र कुमार भी कभी-कभार काम किया करते थे, कहा जाता है कि उनके संसदीय क्षेत्र के दौरे के दौरान जब भी उन्हें कोई पंचर लगाता दिखता है, तो उसके पास पहुंच जाते हैं और कई बार उनकी मदद भी करने लगते हैं, तो कभी पंक्चर ठीक से लगाने के लिये टिप्स भी देते हैं।

क्या होता है प्रोटेम स्पीकर
प्रोटेम स्पीकर उन्हें कहा जाता है, जो चुनाव बाद पहले सत्र में स्थायी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का चुनाव होने तक संसद या विधानसभा का संचालन करते हैं, आसान शब्दों में कहे, तो जब तक लोकसभा या विधानसभा का अध्यक्ष नहीं चुना जाता है, तब तक सदन चलाने की जिम्मेदारी प्रोटेम स्पीकर की होती है।