आसान नहीं था शमी के लिये वापसी, नंगे पैर खेतों में दौड़ से लेकर बिरयानी छोड़ने तक, प्रेरणादायक है कहानी

कोच बदरुद्दीन के मुताबिक उन्होने पिछले कुछ दिनों में पुराने शमी को देखा, जब वो उनके पास क्रिकेट सीखने आते थे।

New Delhi, Jun 22 : अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आज के मुकाबले में अफगानिस्तान के खिलाफ मोहम्मद शमी को प्लेइंग इलेवन में मौका मिला सकता है, ये बात किसी से छुपी नहीं है, कि शमी ने किन पारिवारिक परेशानियों के बीच टीम इंडिया में वापसी की है, उनके कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मोहम्मद शमी के लिये सबसे बड़ी चुनौती मानसिक और शारीरिक रुप से फिट रहना है।

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नंगे पैर दौड़ लगाई
मोहम्मद शमी ने जहां शारीरिक रुप से फिट रहने के लिये ट्रैक्टर से खेत की मिट्टी को खुदवा दिया, फिर उसी खेत में सुबह और शाम नंगे पैर दौड़ लगाई, इसके साथ ही अपनी मनपसंद बिरयानी का भी त्याग कर दिया। वहीं मानसिक रुप से फिट रहने के लिये अपने परिवार, पुराने साथियों के अलावा क्रिकेट एकेडमी में ज्यादा से ज्यादा समय बिताया।

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6 किलो वजन कम किया
पत्नी के साथ हुए विवाद के बाद शमी ने कोलकाता छोड़ यूपी के अमरोहा स्थित गांव सहसपुर को अपना ठिकाना बनाया, इस बीच उनका वजन भी बढ गया था, जिसे घटाने के लिये उन्होने देसी तरीका अपनाया, उन्होने अपने खेत में ट्रैक्टर चलवाकर मिट्टी को मुलायम करवा दिया, इसके बाद सुबह डेढ से दो घंटे और शाम को एक घंटे दौड़ लगाई, इसके साथ ही वजन कंट्रोल करने के लिये उन्होने अपनी मनपसंद बिरयानी और दूसरे लजीज व्यंजनों की भी तिलांजलि दे दी।

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मानसिक रुप से मजबूत
कोच बदरुद्दीन के मुताबिक उन्होने पिछले कुछ दिनों में पुराने शमी को देखा, जब वो उनके पास क्रिकेट सीखने आते थे। कोच ने कहा कि शमी मानसिक रुप से परेशान थे, लेकिन वो मानसिक रुप से मजबूत हैं, एक बार अगर ठान लें, कि कुछ कर दिखाना है, तो कर डालते हैं, बीच में उन्होने अमरोहा आना बंद कर दिया था, लेकिन इस बार जब लौटे, तो बदले हुए थे, जिस तरह पहले वो मैदान पर बच्चों के साथ घुलते मिलते थे, इस बार भी उनका सहारा बच्चे ही बने, उन्होने बच्चों के साथ खूब समय बिताया, उन्हें लगता था कि शमी जल्द इससे उबर नहीं पाएंगे, लेकिन उन्होने जबरदस्त वापसी की।