मां ने रखी थी शर्त, इस वजह से गेंदबाजी के अर्जुन बनें जसप्रीत बुमराह

जसप्रीत बुमराह तब महज 12 साल के थे, दोपहर के समय वो गेंदबाजी की प्रैक्टिस करते थे, जबकि मां दलजीत घर में आराम से सोने की कोशिश करती थी।

New Delhi, Jun 23 : शुरुआती ओवरों में विकेट दिलाने की भूमिका तो डेथ ओवर्स में रन रोकने का काम, कुछ ऐसा ही है जसप्रीत बुमराह का परिचय, जी हां, कम ही लोग जानते हैं, कि जसप्रीत बुमराह ने यॉर्कर का अभ्यास दीवार और जमीन में गेंदें फेंककर किया, वो भी मां द्वारा घर में खेलना जारी रखने के लिये रखी गई शर्त का तोड़ निकालने के लिये, आइये विस्तार से बताते हैं इस चैंपियन की कहानी।

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पिता की मौत
6 दिसंबर 1993 को गुजरात के अहमदाबाद में पैदा हुए जसप्रीत बुमराह का बचपन आसान नहीं था, जब वो सात साल के थे, तभी उनके पिता जसबीर सिंह का निधन हेपेटाइटिस बी की वजह से हो गया, बेटी जूहिका और बेटे जसप्रीत की जिम्मेदारी मां दलजीत के जिम्मे आ गई, जो पेशे से शिक्षिका थी।

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मां ने रखी शर्त
जसप्रीत बुमराह तब महज 12 साल के थे, दोपहर के समय वो गेंदबाजी की प्रैक्टिस करते थे, जबकि मां दलजीत घर में आराम से सोने की कोशिश करती थी, बाहर चिलचिलाती धूप की वजह से मां ने उन्हें घर में ही गेंदबाजी कर प्रैक्टिस करने को कहा था, मां की नींद में खलल ना पड़े, इसलिये उनके सामने एक शर्त रखी गई थी, कि अगर बिना आवाज के प्रैक्टिस कर सकते हैं, तो घर में ही खेंले।

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कम आवाज
तब बुमराह ने एक तोड़ निकाला, अगर गेंद दीवार और फर्श के कोने पर लगे, तो बेहद कम आवाज होती है, जिसके बाद उन्होने उसी हिस्से पर गेंदबाजी करने की प्रैक्टिस शुरु की, इस तरह से उन्हें यॉर्कर गेंदें डालने में महारत हो गई। मां दलजीत भी खुश थी, कि वो चैन से नींद लेती थी, जबकि बेटा भी फूला नहीं समा रहा था, कि अब घर में ही उन्हें खेलने की इजाजत मिल गई थी।

14 साल की उम्र में बताया मां को सपना
करीब दो साल बुमराह सिर्फ मनोरंजन के लिये क्रिकेट खेलते रहे, फिर 14 साल की उम्र में उन्होने मां को बताया कि वो क्रिकेटर बनना चाहते हैं, जिसे सुनकर उनकी मां भी हैरान रह गई, हर कोई क्रिकेट खेल रहा था, ऐसे में यहां करियर बनाना आसान नहीं था, बुमराह बोले, कि मां मुझे मना नहीं कर पाई, आखिर एक टीचर के तौर पर मेरी मां हर अभिभावक से स्कूल में कहती थी कि हर बच्चे में एक सपना होता है, जिन्हें पूरा करने के लिये उन्हें भरपूर मौके देने चाहिये, बुमराह की मेहनत देख उनकी मां भी हैरान थी। आज उनकी सफलता पर पूरा देश नाज कर रहा है।