कश्मीर में धारा 370 को लेकर लोकसभा में अमित शाह की गर्जना, ‘नेहरू की भूल, भाजपा सुधारेगी’
धारा 370 स्थाई नहीं है, संविधान में इसे अस्थाई समाधान के तौर पर शामिल किया गया है । कांग्रेस पर व्यंग्य करते हुए उन्होने कहा कि कांग्रेस जानबूझकर ऐसा करती है या फिर वो अस्थाई शब्द को पढ़ना ही नहीं चाहती ।
New Delhi, Jun 28 : कश्मीर यात्रा से लौटे अमित शाह ने आज लोकसभा में राज्य को लेकर दो प्रस्ताव पेश किए । पहला जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को 6 महीने और बढ़ाना और दूसरा जम्मू कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 5 और 9 के तहत जो आरक्षण का प्रावधान है उसमें भी संशोधन करके कुछ और क्षेत्रों को जोड़ने का प्रावधान शामिल करना । शाह के इन प्रस्तावों को एक साथ पेश करने पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अपना विरोध जताया । अमित शाह ने इसे लकर साफ कहा कि उन्हें अलग अलग प्रस्ताव पेश करने में कोई परेशानी नहीं है, वह केवल समय बचाना चाहते हैं । जिसके बाद दोनों प्रस्ताव एक साथ पेश किये गए । शाह कश्मीर समस्या पर बात करते हुए कांग्रेस पर आक्रामक हो गए और धारा 370 को लेकर कई अहम बातें कहीं ।
स्थाई नहीं है धारा 370
अमित शाह ने कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के विरोध के बाद अपना पक्ष रखा । उन्होने कहा किकांग्रेस शायद ये भूल गई है कि जम्मू कश्मीर में लगाई गई धारा 370 स्थाई नहीं है, संविधान में इसे अस्थाई समाधान के तौर पर शामिल किया गया है । कांग्रेस पर व्यंग्य करते हुए उन्होने कहा कि कांग्रेस जानबूझकर ऐसा करती है या फिर वो अस्थाई शब्द को पढ़ना ही नहीं चाहती । अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के बारे में कुछ आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि कश्मीर की हालत के लिए सिर्फ और सिर्फ नेहरू जिम्मेदार हैं ।
जवाहर लाल नेहरू की भूल : शाह
देश के गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि – आज कश्मीर को एक तिहाई हिस्सा भारत के पास नहीं है, जब राजा हरिसिंह ने संधि की थी, वायुसेना वहां पहुंची पाकिस्तान की कबीलाई सेना को खदेड़ रही थी तब किसने सीजफायर का आदेश दिया था । जवाहर लाल नेहरू ने उस समय सीजफायर कर वो हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया । शाह ने कहा कि विपक्ष हम पर आरोप लगाता है कि कि उसे भरोसे में नहीं लिया जाता । जब कश्मीर में हालात बिगड़ रहे थे जवाहर लाल नेहरू ने तत्कालीन गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री तक को भरोसे में नहीं लिया था ।
कांग्रेस इतिहास ना सिखाएं : शाह
अमित शाह ने लोकसभा में डंके की चोट पर कहा कि अगर उस वक्त नेहरू ने गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री को भरोसे में लिया होता, बात की होती तो ना पीओके होता और ना ही आतंकवाद और ना ही आतंकवाद का मूल । उन्होने कहा कि भारत में स्वतंत्रता से पहले 600 रियासतें थीं, सब एक हुईं । कश्मीर की ही तरह आंध्र प्रदेश और गुजरात में भी संग्राम हुआ, लेकिन आज हैदराबाद और जूनागढ़ भारत का हिस्सा हैं । अमित शाह ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इन दो जगहों की समस्या सरदार पटेल देख रहे थे और कश्मीर नेहरू । शाह ने कहा कि नेहरू की एक भूल ने हजारों लोगों को मौत के हवाले कर दिया, हर साल हजारों लोग आतंकवाद का ग्रास बन रहा है । अमित शाह के सदन में बोलने के दौरान कांग्रेस लगातार हंगामा करती रही, अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस इतिहास को ना समझाए, सवाल उठेंगे तो भाजपा जवाब जरूर देगी ।
https://twitter.com/ExSecular/status/1144553813476405249
HM Amit Shah in Lok Sabha: They are saying we are trampling democracy in J&K. Before this time, till now 132 times, article 356 has been imposed(President's rule), out of which 93 times Congress has done it. Now these ppl will teach us democracy? pic.twitter.com/RjirsyrEDs
— ANI (@ANI) June 28, 2019
HM Amit Shah: Who called for ceasefire back then? It was Jawaharlal Nehru who did it and gave that portion(PoK) to Pakistan. You say we don't take ppl into confidence, but Nehru ji did it without taking the then HM into confidence. So Manish(Tewari) ji don't teach us history pic.twitter.com/WPH9qS6ASL
— ANI (@ANI) June 28, 2019