उपचुनाव से पहले सीएम योगी का मास्टर स्ट्रोक, सपा-बसपा को चित, बीजेपी को मिलेगा बड़ा फायदा

यूपी की सियासत को करीब से देखने वाले लोगों का कहना है कि बीजेपी को इसका राजनीतिक लाभ इसलिये मिलेगा।

New Delhi, Jun 29 : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पिछड़े वर्ग (ओबीसी) की 17 जातियों को अनुसूचित जातियों में आरक्षण देकर मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। माना जा रहा है कि योगी के इस फैसले से बीजेपी को बड़ा फायदा होगा, और सपा-बसपा के वोटबैंक में सेंधमारी होगी। राजनीतिक विश्लेषक के मुताबिक जब जब कोई पार्टी यूपी की सत्ता में आई है, उसने इन जातियों को एक सूची से निकालकर दूसरे सूची में डालने का प्रयोग किया है, जब राजनाथ सिंह और मायावती प्रदेश के सीएम थे, तो भी उन्होने कुछ जातियों को एक सूची में डालने का प्रयास किया था, लेकिन कुछ कारणों की वजह से उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिला, लेकिन योगी सरकार ने एक अहम फैसला लेकर सपा-बसपा में खलबली मचा दी है।

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राजनीतिक लाभ
यूपी की सियासत को करीब से देखने वाले लोगों का कहना है कि बीजेपी को इसका राजनीतिक लाभ इसलिये मिलेगा, क्योंकि इस दौर में जनता में सपा-बसपा के प्रति अविश्वास बढा है, जबकि योगी सरकार के इस फैसले से जनता का बीजेपी पर भरोसा बढेगा, 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने से आने वाले समय में इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा, सपा-बसपा को नुकसान होगा।

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राजनीति में बढेगी भागीदारी
योगी सकरकार के इस फैसले के बाद इन जातियों को चुनाव में आरक्षण मिलेगा, फिलहाल इन जातियों का राजनीतिक में कम भागीदारी है, यूपी में 80 लोकसभा में से 17 सीटें और 403 विधानसभा में से 86 सीटें आरक्षित है। अब इन जातियों को भी आरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। ओबीसी के लिये कोई सीट रिजर्व नहीं है।

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इन जातियों को फायदा
मालूम हो कि बीते दो दशक से यूपी में 17 अति पिछड़ी जातियों जिसमें कहार, केवट, कश्यप, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, धीवर, प्रजापति, बिंद, राजभर, भर, धीमर, बाथम, तुरहा, मांझी, गोडिया और मछुआ को अनुसूचित जाति में शामिल करने की कोशिशें जारी थी, सपा और बसपा की सरकार ने भी चुनावी फायदे के लिये इसे अनुसूचित जाति में शामिल तो किया, लेकिन इसका लोगों को फायदा नहीं मिल सका।

प्रमाण पत्र बनाने का आदेश
यूपी की योगी सरकार ने अपने इस फैसले के बाद सभी जिलाधिकारियों को इन जातियों के परिवारों को प्रमाण पत्र दिये जाने का आदेश जारी कर दिया है। राज्यपाल राम नाइक ने यूपी लोक सेवा अधिनियम 1994 की धारा 13 के अधीन शक्ति का इस्तेमाल कर इसमें संशोधन किया है।