संसद में गैरहाजिरी पर BJP सांसदों की PM ने लगा दी क्लास, बोले ‘अमित शाह ना आएं तो कैसा लगता है’
‘आप कैसा महसूस करोगे, जब आपको 2 लाख वोटों से जीत मिले तो आपको पता चले कि आपके बेस्ट फ्रेंड ने ही आपको वोट नहीं दिया।’
New Delhi, Jul 03 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद अनुशासन में रहते हैं और ऐसा ही वो अपनी पार्टी से जुड़े नेताओं, सांसदों और कार्यकर्ताओं से भी उम्मीद करते हैं । प्रधानमंत्री ने मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में उन सांसदों को कड़ी फटकार लगाई जो संसद से नदारत रहते हैं । पीएम ने ऐसे सांसदों को साफ-साफ संकेत दिए कि उनकी नजर एक-एक शख्स पर है । वो हर एक सांसद पर नजर बनाए रखे हैं, पीएम ने बजट सत्र के दौरान सदन से गायब रहने वाले सांसदों पर नाराजगी जाहिर की ।
उदाहरण देकर बोले पीएम
मीडिया में आई इस रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी ने नाराजगी जाहिर करते हुए सांसदों के सामने एक उदाहरण रखा । उन्होने कहा कि ‘आप कैसा महसूस करेंगे कि अगर अमित शाह को आपकी रैली के लिए आना हो तो आखिरी वक्त पर वह न पहुंचें?’ रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद, वह मुड़े और कुछ बीजेपी सांसदों की ओर देखा और अपना सवाल दोहराया। मोदी ने फिर कहा, ‘आप कैसा महसूस करेंगे….।’ जाहिर है पीएम समझाने की कोशिश कर रहे थे कि जिन सांसदों को जनता ने लोकसभा में अपना प्रतिनिधि चुना है वो ही सदन से नदारद रहें तो जरूरतमंद आवाज सदन तक कैसे पहुंच पाएगी ।
प्रधानमंत्री ने सांसदों को चेताया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीएम से पहले संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सभी बीजेपी सांसदों से वक्त का पाबंद होने की अपील की थी । उन्होंने सांसदों से इस बात का जिक्र किया कि जब कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विवादास्पद तीन तलाक बिल पेश किया तो बीजेपी के कई सांसद सदन में मौजूद नहीं थे। प्रधानमंत्री ने सांसदों को पूछा कि, ‘आप कैसा महसूस करोगे, जब आपको 2 लाख वोटों से जीत मिले तो आपको पता चले कि आपके बेस्ट फ्रेंड ने ही आपको वोट नहीं दिया।’ कुछ ने माना कि उन्हें बहुत निराशा होगी। इस पर पीएम ने कहा, ‘ठीक ऐसा ही मुझे महसूस होता है, जब मैं संसद में मौजूद लोगों की संख्या देखता हूं।’
सख्त संदेश दे रहे हैं प्रधानमंत्री
सोमवार को ही प्रधानमंत्री ने संसदीय दल की बैठक में आकाश विजयवर्गीय वाले मामले में सांसदों को सख्त संकेत दे दिए थे कि ऐसी कोई भी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी । गलत हरकत करने वाला किसी को भी बेटा हो, या खुद हो कारर्वई होगी और पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने पहले कार्यकाल में भी सांसदों को इस बारे में कड़ी हिदायत दे चुके हैं । पीएम ने तो यहां तक कह दिया था कि टिकट देते हुए भी वो इस बात का ध्यान रखेंगे कि कौन कितना वक्त का पाबंद है।