धोनी को सातवें नंबर पर भेजने पर कोच रवि शास्त्री ने तोड़ी चुप्पी, बताई  पूरी बात

न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया की शुरुआत काफी खराब रही, सिर्फ 24 रन  पर टीम ने 4 विकेट गंवा दिये थे, इसके बाद माना जा रहा था कि धोनी पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये आएंगे।

New Delhi, Jul 12 : न्यूजीलैंड के खिलाफ आईसीसी विश्वकप के सेमीफाइनल मुकाबले में पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को बल्लेबाजी के लिये सातवें नंबर भेजा गया था, इसे लेकर कई क्रिकेट एक्सपर्ट ने सवाल खड़े किये, कई फैंस ने भी नाराजगी जाहिर की, सेमीफाइनल में हार के बाद पहली बार धोनी के बल्लेबाजी क्रम को लेकर कोच रवि शास्त्री ने सफाई दी है, उन्होने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि अगर धोनी पहले आउट हो जाते, तो टीम लक्ष्य चेज करने में फंस जाती।

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ये था टीम का फैसला
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि धोनी को सातवें नंबर पर भेजना पूरी टीम का फैसला था, और ये आसान नहीं था, क्योंकि अगर पहले धोनी बल्लेबाजी के लिये जाते और जल्दी आउट हो जाते, तो फिर पूरा चेज ही बिगड़ जाता, हमें उनके अनुभव की जरुरत थी, वो दुनिया के सबसे बड़े फिनिशर हैं, अगर  हम उनका इस्तेमाल नहीं करते, तो फिर ये न्याय नहीं होता, टीम में हर कोई चाहता था, कि धोनी बाद में बल्लेबाजी करें।

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लोग रह गये हैरान
मालूम हो कि न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया की शुरुआत काफी खराब रही, सिर्फ 24 रन  पर टीम ने 4 विकेट गंवा दिये थे, इसके बाद माना जा रहा था कि धोनी पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये आएंगे, लेकिन हार्दिक पंड्या क्रीज पर आ गये, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया था।

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गावस्कर का गुस्सा
आईसीसी विश्वकप से टीम इंडिया बाहर हो चुकी है, लेकिन हार का पोस्टमॉर्टम जारी है, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने धोनी के बल्लेबाजी क्रम पर गुस्सा दिखाया था, उन्होने कहा कि धोनी को सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये भेजना बेहद हैरान करने वाला फैसला था, अगर उन्हें पांचवें नंबर पर भेजा जाता, तो शायद नतीजा कुछ और होता।

धोनी पर क्या कहा विराट कोहली ने
कप्तान विराट कोहली ने कहा कि शुरुआती कुछ मैचों के बाद ये प्लान किया गया था कि धोनी निचले क्रम  के बल्लेबाजों के साथ खेलेंगे, उन्होने रविन्द्र जडेजा के साथ अच्छी बल्लेबाजी की, टीम में सही बैलेंस की जरुरत है, अगर एक खिलाड़ी बड़े हिट्स लगाने की कोशिश कर रहा है, तो दूसरे छोर से बल्लेबाज को विकेट बचा कर खेलने की जरुरत होती है, जो धोनी ने बखूबी किया। मालूम हो कि धोनी ने इस मुकाबले में 72 गेंदों में 50 रन की पारी खेली थी, साथ ही जडेजा के साथ  116 रनों की साझेदारी की थी, हालांकि इसके बावजूद टीम इंडिया 18 रनों से मैच हार गई।