यूपी उपचुनाव- डिंपल यादव को मैदान में उतार सकती है सपा, जानिये किस सीट से लड़ेंगी चुनाव

डिंपल यादव को रामपुर विधानसभा सीट से चुनाव में उतारने पर मंथन चल रहा है, पार्टी सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान होगा।

New Delhi, Jul 16 : समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव अब विधानसभा चुनाव में ताल ठोंक सकती है, आपको बता दें कि आने वाले दिनों में यूपी में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, पूर्व मंत्री आजम खान भी लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गये हैं, कहा जा रहा है कि रामपुर विधानसभा सीट से डिंपल को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है।

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जल्द हो सकता है ऐलान
डिंपल यादव को रामपुर विधानसभा सीट से चुनाव में उतारने पर मंथन चल रहा है, पार्टी सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान होगा, यूपी की जिन 12 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें रामपुर भी एक सीट है, आजम खान इस सीट से 9 बार विधायक चुने गये हैं, लिहाजा आजम खान अपने इस मजबूत किले को अभेद्य रखने के लिये डिंपल यादव के नाम को आगे बढा रहे हैं।

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बसपा, कांग्रेस नहीं उतारेगी प्रत्याशी
समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद भी उन्हें उम्मीद है कि जब डिंपल यादव चुनावी मैदान में होंगी, तो उस सीट से बसपा और कांग्रेस उम्मीदवार नहीं उतारेंगे, क्योंकि वोट बंटवारे से बीजेपी को फायदा हो सकता है।

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जया प्रदा पर बीजेपी का दांव
वहीं बीजेपी पूर्व बॉलीवुड एक्ट्रेस जया प्रदा को उतार सकती है, डिंपल को मैदान में उतारने की घोषणा के बाद बीजेपी अपनी रणनीति खोलेगी, जया प्रदा दो बार रामपुर से सांसद रह चुकी हैं, बीजेपी ने इस बार उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था, हालांकि आजम खान से वो चुनाव हार गई, हार के बाद भी जया प्रदा लगातार रामपुर का दौरा कर रही हैं, जिसके बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि विधानसभा उपचुनाव में भी बीजेपी उन्हें ही मैदान में उतार सकती है।

उपचुनाव से डिंपल का सियासी सफर शुरु
अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव ने अपने सियासी सफर की शुरुआत साल 2009 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट के उपचुनाव से की थी, हालांकि तब कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे राज बब्बर ने उन्हें हरा दिया था, इसके बाद 2012 में कन्नौज लोकसभा सीट से निर्विरोध जीत गई, फिर 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद डिंपल कन्नौज सीट बचाने में सफल रही, लेकिन इस बार बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने बाजी मार ली, और डिंपल संसद नहीं पहुंच सकी।