Opinion – साक्षी फिर से एक मटुकनाथ के जाल में जा फंसी है

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे की ऐसी की तैसी कर दी है साक्षी ने । अब तो बाबा भारती और खड़गसिंह की कहानी याद आने लगी हैं ।

New Delhi, Jul 16 : मैं जब शादीशुदा , अधेड़ और खुर्राट लोगो की प्रेम कथा पढ़ता और देखता हूँ तो मुझे मटुकनाथ दिखाई देने लगते हैं । मटुक नाथ पटना में हिंदी के प्रोफेसर थे और अपनी रंगीनमिजाजी के लिए विख्यात थे । शादी के पहले और शादी के बाद उन्होंने कई लड़कियों को अपने जाल में फंसाया। लेकिन अपने से आधी उम्र के जूली से रंगे हाथ रंगरेलियां करते हुए पकड़े गए तो खुद को लव गुरु घोषित कर दिया । वह दृश्य याद कीजिये जब मीडिया के सामने मटुकनाथ प्रकट हुए थे । पत्नी आभा चौधरी के आग्रह पर मीडिया वाले कैमरा लेकर उस घर मे अचानक से घुस गए जहां मटुकनाथ ऐश कर रहे थे ।

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पत्नी उनका मुह पोत रही थी और मटुक नाथ अपनी पैंट का जिप बन्द कर रहे थे । भीड़ , मीडिया और पत्नी के सामने मटुक नाथ आक्रामक नही हो सकते थे इसलिए बड़ी हिम्मत औऱ नाटकीय तरीके से उन्होंने मुस्कुराते हुए कालिख पुतवा लिया और जूली के साथ अपने प्रेम संबंधों को स्वीकार किया । मीडिया ने भी इस दिलचस्प जोड़े को लेकर खूब मजा लिया । मटुक नाथ ने खुद को अब लव गुरु घोषित कर दिया। वे जहाँ कहीं जाते अपने कार्यक्रमो के बदले अच्छी खासी फीस वसूलते । नाम का नाम पैसा का पैसा । जूली भी खुद को लैला , मीरा , राधा न जाने किस किस का अवतार समझने लगी । समय गुजरा और मटुकनाथ अपौरुषेय हो गए । जूली का जलवा कायम था । 14 साल का प्रेम अपौरुषेय की बलि चढ़ गया । जुली ने नए ठौर तलाश लिए और मटुकनाथ की प्रेम कहानी महज वासना साबित हुई ।

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साक्षी फिर से एक मटुकनाथ के जाल में जा फंसी है। अपने से दोहरी आयु का यह मटुकनाथ न केवल विकलांग है बल्कि कई जगह आर्थिक घोटाला भी कर चुका है । चिल्लम का शौकीन अजितेश दहेज के लिए सगाई तोड़ चुका है। जिस थाली में खाये उसी में छेद करने वाले अजितेश ने दलित कार्ड खेला जो भागने से पहले तक खुद को ठाकुर बताता रहा था । जाहिर है अजितेश निहायत ही घाघ और शातिर बदमाश है।साक्षी की जवानी का जोश अभी उफान पर है। अभी अजितेश में उसे न मटुकनाथ दिख रहे हैं , न चिल्लमचोर दिख रहा है , न नटवरलाल दिख रहा है , न दिव्यांगता दिख रहा है । न बाप दिख रहा है न माँ दिख रही है न भाई न परिवार । लग रहा है कि प्यार के लिए बाप भाई को बदनाम करके देश मे उसने क्रांति ला दी है । लाचार बाप भाई सफाई देते फिर रहे हैं। सोशल मीडिया में लोग कल तक बेटी को लेकर गर्वोक्तिया डाल रहे थे वे सकपकाए चल रहे हैं औऱ भ्रूण हत्या से लेकर निसंतान होने की इच्छा जाहिर करने लगे हैं । 18 – 20 सालो से फेसबुक पर पर लिख रहा हूँ , इंशाअल्लाह इतने और दिन भी लिखता रहूंगा । किसी दिन इसी पोस्ट का हवाला देकर आपको बताऊंगा की साक्षी तबाही के बाद रिरियाती हुई वापस घर लौटने की गुहार लगा रही है।

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बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे की ऐसी की तैसी कर दी है साक्षी ने । अब तो बाबा भारती और खड़गसिंह की कहानी याद आने लगी हैं । जान से भी प्यारे बाबा भारती के घोड़े सुल्तान को लूटने के लिए डाकू खड़गसिंह ने भिखारी का वेश बनाया था । खड़गसिंह ने घोड़ा तो लूट लिया लेकिन बाबा भारती ने कहा था कि भिखारी बनकर तुमने घोड़ा तो ले लिया लेकिन किसी को यह बात बताना नही क्योंकि भिखारियों से लोगो का भरोसा उठ जाएगा । साक्षी के पिता बाबा भारती की तरह कातर होकर कह रहे हैं मुझे कुछ नही कहना है , मेरी ओर से उसे कोई खतरा नही है । लेकिन साक्षी , तुम जो कर रही हो उससे बेटियों से भरोसा उठने लगा है ।

(वरिष्ठ पत्रकार योगेश किसलय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)