क्‍या राजीव गांधी ने सपरिवार INS विराट पर बिताई थी छुट्टियां? नेवी की ओर से आया ये जवाब, पढ़ें

मई महीने में दिल्ली के रामलीला मैदान से पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने कहा था, “राजीव गांधी ने पीएम रहते हुए छुट्टियों के दौरान आईएनएस विराट को पर्सनल टैक्सी के तौर पर इस्तेमाल किया था।”

New Delhi, Jul 25 : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के एक रैली के दौरान दिए बयान के बाद से लोग लगातार इस बयान का सच जानना चाहते हैं । सच इसलिए भी क्‍योंकि कांग्रेस ने इस बयान पर जमकर हंगामा मचाया था । दरअसल इसी साल 9 मई को पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने दिल्‍ली के रामलीला मैदान से बिना किसी का नाम लेते हुए इशारो-इशारों में कहा था कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सपरिवार युद्धपोत आईएनएस विराट पर छुट्टियां बिताई थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आरोप के बाद एक आरटीआई के जवाब में भारतीय नौसेना का जवाब आया है ।

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प्रधानमंत्री का बयान और ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस चुनावी रैली में विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा था – दोस्तों, क्याआपने कभी सुना है कि कोई सपरिवार छुट्टियां मनाने युद्धपोत पर जाता है? कांग्रेस के सबसे बड़ी नामदार परिवार ने आईएनएस विराट इस्तेमाल किया था । उन्‍होने इससे एक दिन पहले कांग्रेस को घेरते हुए एक रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए ट्वीट भी किया था । पीएम के इस ट्वीट के बाद विपक्ष में कोहराम मच गया था ।

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नौसेना से आरटीआई के जरिए मांगी गई जानकारी
जनसत्‍ता न्‍यूज वेबसाइट पर आई इस खबर के मुताबिक हिंदी न्‍यूज चैनल इंडिया टीवी ने पूछा था कि भारतीय नौसेना के जहाजों का कितनी बार निजी छुट्टियों के लिए इस्तेमाल किया गया और ऐसा किसने-किसने किया? नौसेना की ओर से जवाब दिया गया, “पीएम के नाते राजीव गांधी 28 दिसंबर 1987 को त्रिवेंद्रम से आईएनएस विराट पर सवार हुए थे, जबकि 29 दिसंबर 1987 को मिनिकॉय में वह उससे उतर गए थे।” गांधी के साथ तब और कौन-कौन था? यह पूछे जाने पर जवाब मिला- सोनिया गांधी उनके साथ युद्धपोत पर सवार हुई थीं, जबकि वहां उन्होंने क्या किया, इस बारे में जानकारी संबंधित निदेशालय के पास नहीं है।

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अन्‍य सवालों के भी मिले जवाब
आरटीआई में कुछ और सवाल पूछे गए । जिनमें एक सवाल ये भी था कि क्‍या राजीव गांधी के साथ विदेशियों को भी आईएनएस विराट पर जाने की अनुमति मिली थी? इस पर नौसेना ने कहा कि उसके रिकॉर्ड में जहाज पर तब किसी विदेशी के जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है । एक और सवाल पूछा गया कि साल 1987 में आईएनएस विराट का एक दिन का खर्चा कितना रहता था? इस प्रश्न के जवाब में नेवी ने बताया कि संबंधित निदेशालय या विभाग के पास खर्च से जुड़ा ब्यौरा नहीं है।