भारत 2025 तक विश्व का नेतृत्व करने लगेगा-हावर्ड विश्वविद्यालय

लगभग $ 150 अरब का निवेश आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस (कृत्रिम प्रतिभा) क्षेत्र में किया जाता है क्योंकि भारत भविष्य में इस क्षेत्र में विशाल बनने के लिए प्रयासरत है।

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New Delhi, Jul 27 : एक तरफ बुद्धिजीवियों का एक वर्ग देश के भविष्य को लेकर चिंता में है। उसे संविधान और व्यक्तिगत आजादी खतरे में दिख रही है। वहीं दूसरी ओर हार्वर्ड विश्वविद्यालय की हाल ही में प्रकाशित एक रिर्पोट में यह संभावना व्यक्त की गई है कि भारत 2025 तक विश्व का नेतृत्व करने लगेगा। रिपोर्ट में कहा गया है – ‘‘आर्थिक जटिलता वृद्धि अनुमानों, से भारत आने वाले दशक के लिए सबसे तेजी से बढ़ते देश के रूप में 7.9 प्रतिशत की दर से वार्षिक सूची में ऊपर बढ़ रहा है।
रिपोर्ट बताती है कि भारत में कई उद्योगों, ड्राइविंग विकास और रोजगार सृजन में प्रयुक्त अवसरों की अधिकता है। भारत की निरंतर आर्थिक वृद्धि और वैज्ञानिक सोच के साथ, यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बनने की राह पर है। उन 12 कारणों पर एक दृष्टि कि क्यों भारत 2025 तक विश्व पर शासन करने के लिए तैयार है।
1. आर्थिक विकास- भारत जल्द ही विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। अमेरिका से आगे वर्तमान में भारत में $ 2.6 खरब (ट्रिलियन) अर्थव्यवस्था है और आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के अनुसार इसमें 2025 तक $ 5 (ट्रिलियन) खरब की वृद्धि होगी। भारत ने पिछले दो दशकों में उच्च जी डी पी विकास किया है जिसके कारण प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है।

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2. विज्ञान और तकनीक- भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। जैसे-जैसे डिजिटलीकरण बढ़ता जा रहा है, भारत ब्लॉक चेन, 3 डी पेंटिग, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स में अधिक प्रगति करेगा। लगभग $ 150 अरब का निवेश आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस (कृत्रिम प्रतिभा) क्षेत्र में किया जाता है क्योंकि भारत भविष्य में इस क्षेत्र में विशाल बनने के लिए प्रयासरत है।
3.कूटनीति- भारत एक मजबूत राजनीतिक स्थिति बनाने में सक्षम रहा है। यह किसी भी बड़े अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष में शामिल नहीं हुआ है और राष्ट्र के बहुमत के साथ-साथ युरोपीय संघ, जापान, रूस और यू.एस. जैसी विश्व शक्तियों के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाए हुए है।
4. जनतंत्र- भारत की एक सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह एक लोकतांत्रिक गणराज्य है। हालांकि चीन प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था में भी उन्नति दिखाता है, लेकिन यह अपने नागरिकों को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान नहीं करता है। जबकि योग्य सरकार के लिए लोकतंत्र अनुकूल है और भारत अपने लोगों को अपना नेता चुनने की अनुमति देता है।

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5. सेना की ताकत- भारत के पास दुनिया के सबसे शक्तिशाली सैन्य बलों में से एक है। उसके पास बड़े पैमाने पर रक्षा बजट है और वैश्विक स्तर तक पहुँचने वाली शीर्ष सैन्य प्रौद्योगिकी। भारत रूस, यूरोप, इजरायल, यू.एस. से युद्ध के लिए सैन्य संसाधन खरीद भी सकता है।6. आबादी- भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है, जिसका 65 प्रतिशत 35 वर्ष से कम आयु का है। इसलिए भारत के पास सबसे अधिक सक्रिय कार्यबल है जो अगले दो से तीन दशकों में बदलाव लाने वाला है। एक युवा कार्यबल नौकरियों के लिए प्रतिस्पर्धा में वृद्धि करेगा। इसलिए कम श्रम लागत के साथ व्यावसायिक लाभ में वृद्धि होगी।
7. पर्यटन- पर्यटन क्षेत्र भारत की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। वर्ष 2016 में भारत के पर्यटन क्षेत्र ने 40.3 मिलियन नौकरियाँ सृजित कीं और देश को रोजगार दर के मामले में दूसरा स्थान दिया।

8. बुनियादी ढाँचा- भारत एक आधुनिक त्वरित परिवर्तन प्रणाली विकसित करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई और कोच्चि जैसे शहरों में मेट्रो ट्रेनों के तंत्र घनिष्ठता से जुड़े हुए हैं। जबकि महिंद्रा जैसी कंपनियाँ इंजिनियरिंग भविष्य में ई. मोबिलिटी से युक्त इलेक्ट्रानिक वाहन की दिशा में काम कर रही हैं।
9. शिक्षा- भारत में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जैसे विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त संस्थानों के साथ एक उन्नत शिक्षा प्रणाली है। जो अभियंताओं, चिकित्सकों और वैज्ञानिकों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अतिरिक्त प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ, भारत की सरकार ई. लर्निंग और स्मार्ट कक्षाओं की वृद्धि को भी प्रोत्साहित कर रही है।
10. कृषि- सी. 2 मैकेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार भारत का कृषि उत्पादन 29.28 लाख करोड़ तक पहुँच सकता है और आने वाले दशक में खाद्य निर्यात 7 लाख करोड़ तक जा सकता है। प्रौद्योगिकी की तीव्र प्रगति और बढ़ते ट्रैक्टर उद्योग के साथ भारत जल्द ही एक खाद्य ऊर्जा घर बन जाएगा।

11. ऊर्जा- भविष्य में ऊर्जा संकट से निपटने के लिए भारत हाइड्रो-पावर (जलीय शक्ति) स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहा है। वर्त्मान में मध्य पूर्व और रूस में कई तेल क्षेत्रों में वर्तमान दांव के साथ, इसका लक्ष्य दुनिया भर में तेल क्षेत्रों का अधिग्रहण करने का भी है। इसके अतिरिक्त भारत उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में आता है और जिस तेजी से प्रौद्योगिकी बढ़ रही है भारत अक्षय सौर ऊर्जा बनाने के लिए अपनी भौगोलिक स्थिति को भुना सकता है।
12. सांस्कृतिक विविधता- भारत विभिन्न संस्कृतियों और धार्मिक प्रथाओं को एक साथ मिलाने वाला एक साँचा है। देश का इतिहास भारत के बहु जातिवाद के प्रति लंबे समय तक सहिष्णुता की पुष्टि करता है। जो भारत में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए है। बॉलीवुड दुनिया में दूसरा बड़ा फिल्म उद्योग है और इसके व्यापक प्रसार विविधता की वजह से हॉलीवुड भारतीय फिल्म उद्योग को संभालने में सक्षम नहीं है।
(वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)