जिस मिल में किया काम उसके मालिक की बेटी से ही कर ली शादी, कर्नाटक CM की अनसुनी कहानी
कर्नाटक के चौथी बार सीएम बने बी एस येदियुरप्पा के बारे में जानिए वो बातें जो उनके मुकाम तक पहुंचने की कहानी कहते हैं । फिर चाहे वो राजनीतिक सफर हो पारिवारिक ।
New Delhi, Jul 27 : बी एस येदियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के सीएम बने है । कर्नाटक की राजनीति में वह उन मुठ्ठी भर नेताओं में से हैं, जिनकी मेहनत के बलबूते बीजेपी ने सत्ता की देहरी को चूमा । दक्षिण भारत में, जहां कभी बीजेपी का नामोंनिशान तक नहीं था उस क्षेत्र में भगवा का झंडा लहराया । एक बार नहीं, बार-बार पार्टी को और मजबूत किया । कर्नाटक की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी का एक बुलंद चेहरा बनकर उभरे येदुरप्पा के अब तक के सफर के बारे में आज जानिए कुछ खास बातें ।
कर्नाटक में बीजेपी को किया मजबूत
बीएस येदियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के सीएम बने है, उनका पूरा नाम बूकानाकेरे सिद्दालिंगप्पायेदियुरप्पा है । येदुरप्पा ने पार्टी को तब मजबूत किया जब दक्षिण भारत में तो क्या देश में ही बीजेपी उतनी मजबूत नहीं थी । 80 के दशक में जब बीजेपी की स्थापना हुई, उस समय कर्नाटक की राजनीति में बीजेपी को कोई जानता तक नहीं था । लेकिन अनंत कुमार जैसे नेता के साथ येदियुरप्पा ने बीजेपी को पहली बार दक्षिण के किसी राज्य में सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाया ।
बचपन में ही मां को खोया
27 फरवरी 1943 को जन्मे येदियुरप्पा ने महज 4 साल की उम्र में अपनी मां को खो दिया था । उनका जन्म मंड्या जिले के बूकानाकेरे गांव में हुआ, लेकिन उनकी कर्मभूमि बना शिवमोगा । इस क्षेत्र से वह सांसद बने और अब यहां से उनका बेटा सांसद है । कॉलेज की पढ़ाई येदि ने मंड्या के पीईएस कॉलेज से की । 1965 में येदुरप्पा सोशल वेल्फेयर डिपार्टमेंट में बतौर क्लर्क नियुक्त हुए, लेकिन यहां उनका मन नहीं लगा । वह जल्द ही वह अपनी नौकरी छोड़कर शिकारीपुरा आ गए । यहां उन्होंने एक शंकर राइस मिल में बतौर क्लर्क काम किया और 1967 में इसी मिल के मालिक की बेटी मिथरादेवी से शादी कर ली । येदुरप्पा के 5 बच्चे हैं, इनमें तीन बेटियां और दो बेटे हैं ।
1970 में संघ से शुरू हुआ सफर
येदुरप्पा ने 1970 में संघ को ज्वॉइन किया । इसके बाद क्षेत्रीय समस्याओं के लिए संघर्ष करते-करते वे 1975 में में शिकारीपुरा म्यूनिसिपालिटी के अध्यक्ष बन गए । 1985 में उन्हें शिमोगा जिले का बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया । 1988 में ही वह पार्टी के राज्य अध्यक्ष बन गए । 1994 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बने । 1999 में येदुरप्प पहली बार विधानसभा चुनाव हारे, लेकिन बीजेपी ने उन्हें काउंसिल के लिए चुना । 2004 में येदुरप्पा फिर से जीतकर आए, लेकिन मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए ।
4 बार बने मुख्यमंत्री
बीएस येदियुरप्पा पहली बार 12 नवंबर 2007 को मुख्यमंत्री बने, उनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया । 7 दिन में ही उनकी सरकार गिर गई । इसके बाद दूसरी बार 30 मई 2008 को वह फिर से मुख्यमंत्री बने, 31 जुलाई 2011 तक पद पर बने रहे । इस बार भी उन्हें कार्यकाल पूरा करने से पहले ही इस्तीफा देना पड़ा और उनकी जगह डी वी सदानंद गौड़ा सीएम बन गए । 2018 में भी येदियुरप्पा फिर से सीएम बने, लेकिन दो दिन में ही इस्तीफा देना पड़ा । अब एक बार फिर जेडीएस-कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद वह चौथी बार सीएम बने हैं ।