सक्सेस स्टोरी: देश का नया अरबपति है ये शख्स, 8 साल पहले था टीचर
मोबाइल फोन या टैब या आपकी कंप्यूटर स्क्रीन पर आने वाले एप्स कैसे बनते हैं, क्या उन्हें बनाने वाला हमेशा कोई कंप्यूटर जीनियस ही होता है । मन में ऐसे सवाल हैं तो सक्सेस की ये स्टोरी जरूर पड़ें ।
New Delhi, Jul 30 : 37 साल के बायजू रवींद्रन देश के नए अरपति बन गए हैं । रवीन्द्रन ऑनलाइन एजुकेशन ऐप बायजू (BYJU)के फाउंडर और सीईओ हैं । ब्लूमबर्ग मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार रवींद्रन की कंपनी थिंक एंड लर्न ने इस महीने 15 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाई थी। जिसके बाद इस कंपनी का वैल्यूएशन 5.7 अरब डॉलर यानी 39,330 करोड़ रुपए हो गया । रवींद्रन के पास उनकी कंपनी के 21% से ज्यादा शेयर हैं । 8 साल पहले मामूली टीचर रहे रवींद्रन ने 2011 में थिंक एंड लर्न की स्थापना की थी । जिसके बाद 2015 में उन्होने लर्निंग ऐप बायजू लॉन्च किया ।
3.5 करोड़ सब्सक्राइबर
बायजू एप के साढ़े तीन करोड़ सब्सक्राइबर हैं । उनका परिवार भी इस कंपनी में शेयर काहिस्सेदार है, उनकी फैमिली के पास बायजू के 35% शेयर हैं । बायजू के 3.5 करोड़ सब्सक्राइबर में से 24 लाख पेड यूजर हैं जो सालाना 10 हजार से 12 हजार रुपए तक की फीस चुकाते हैं । इस साल मार्च तक ही ये एप मुनाफे में आ गया था । रवींद्रन ने इस दौरान पेंशन फंड और सॉवरेन वेल्थ फंड जैसे लंबी अवधि के निवेशकों को भी आकर्षित करना शुरू कर दिया था ।
पढ़ाई को बनाया इंट्रस्टिंग
रवींद्रन ने बायजू एप की शुरुआत की, इसे इंट्रसिटंग बनाने के लिए सिंबा और अन्ना जैसे कैरेक्टर इंट्रोड्यूस किए । बच्चे इस एप के जरिए पढ़ाई को नए तरीके से समझने लगे । बायजू एप कन्टेंट को छोटा और अट्रैक्टिव बनाकर बच्चों का ध्यान अपनी ओर खींचता है। रवींद्रन इंग्लिश स्पीकिंग देशों में भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं । पिछले दिनों ही उन्होने कहा था कि बायजू वॉल्ट डिज्नी कंपनी के साथ मिलकर अमेरिका में भी सर्विस शुरू करेगा।
छात्रों की मदद करते थे रवीन्द्र
रवीन्द्रन का मन स्कूली पढ़ाई में कभी नहीं लगा, दक्षिण भारत से आने वाले रवीन्द्रन के मां-पितास्कूल टीचर थे । रवींद्रन बचपन में पढ़ने की जगह अक्सर फुटबॉल खेलने चले जाते थे, घर पर पढ़ाई करना पसंद करते थे । स्कूल के बाद रवींद्रन ने इंजीनियरिंग की, और इसके बाद परीक्षा की तैयारी में छात्रों की मदद करने लगे। बताया जाता है कि उनकी क्लासेज में स्टूडेंट इतने बढ़ गए कि स्टेडियम में एक साथ हजारों छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया था ।