युवराज-अंबाती के बाद अब इस क्रिकेटर ने एकाएक कर दी संन्यास की घोषणा
वेणुगोपाल की इसी पारी ने उन्हें भारतीय चयनकर्ताओं की नजर में ला खड़ा किया, अगले ही साल उन्हें टीम इंडिया में डेब्यू का मौका दिया गया।
New Delhi, Jul 31 : युवराज सिंह और अंबाती रायडू के बाद अब वेणुगोपाल राव ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है, उन्होने मंगलवार को अपने रिटायरमेंट का ऐलान किया, वेणुगोपाल ने 16 वनडे मैचों में 218 रन बनाये थे, इस दौरान उनका औसत 24.22 और स्ट्राइक रेट 60.05 का था, भले वेणुगोपाल भारतीय टीम के लिये कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके, लेकिन उन्होने अपने करियर में एक ऐसी पारी जरुर खेली थी, जिससे चयनकर्ता ही नहीं बल्कि इंग्लैंड टीम भी चौंक गई थी।
शानदार दोहरा शतक
साल 2004 में वेणुगोपाल राव ने साउथ जोन के लिये खेलते हुए दिलीप ट्रॉफी में शानदार दोहरा शतक लगाया था, उन्होने इंग्लैंड ए के गेंदबाजों की जमकर क्लास ली थी। ये मुकाबला गुरुग्राम के मैदान पर खेला जा रहा था, इंग्लैंड ए ने साउथ जोन को 501 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था, जिसे वेणुगोपाल की नाबाद 228 रनों की पारी ने बौना साबित कर दिया।
चयनकर्ताओं की नजर में आये
वेणुगोपाल की इसी पारी ने उन्हें भारतीय चयनकर्ताओं की नजर में ला खड़ा किया, अगले ही साल उन्हें टीम इंडिया में डेब्यू का मौका दिया गया, वेणुगोपाल ने दांबुला में श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू किया, उनके साथ सुरेश रैना ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा, रैना उस मुकाबले में जीरो पर आउट हो गये, तो वेणुगोपाल ने 38 रन बनाये थे, हालांकि बाद में रैना काफी आगे निकल गये और वेणुगोपाल 16 मैचों तक ही सीमित रह गये।
गरीबी में बीता बचपन
वेणुगोपाल का जन्म एक मामूली परिवार में हुआ था, उनके पिता महज सात हजार रुपये महीने की नौकरी करते थे, वेणुगोपाल के चार और भाई थे, हालांकि तमाम परेशानियों के बावजूद उन्होने 10 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरु किया, वो सचिन तेंदुलकर को अपना आइडल मानते थे, वेणुगोपाल ने अंडर-19 टीम इंडिया में जगह बनाई, साल 2000 में अंडर -19 टीम विश्व चैंपियन बनी, इस टीम के कप्तान मोहम्मद कैफ थे और टीम में युवी के साथ वेणुगोपाल भी थे।