बल्लेबाजी कोच का बड़ा खुलासा, सेमीफाइनल में धोनी को नीचे भेजने के फैसले में ये लोग थे शामिल

संजय बांगर ने कहा कि दिनेश कार्तिक को पांचवें नंबर पर भेजने का फैसला टीम के चेंजिंग रुम में ये सोचकर लिया गया था कि वो विकेटों के पतन को रोकेंगे।

New Delhi, Aug 02 : आईसीसी विश्वकप 2019 के सेमीफाइनल में टीम इंडिया को न्यूजीलैंड के सामने शिकस्त मिली, उस मुकाबले में पूर्व कप्तान धोनी को सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये भेजा गया था, जिसकी खूब आलोचना हुई थी, ये मामला इतना तूल पकड़ा कि कप्तान विराट कोहली को सफाई देनी पड़ी, अब इस मामले पर बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने नया खुलासा किया है।

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अकेले का फैसला नहीं
टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि विश्वकप सेमीफाइनल में धोनी को सातवें नंबर पर भेजने का फैसला उनके अकेले का नहीं था, उन्होने ये भी बताया कि इस अहम फैसले में टीम के कौन-कौन लोग शामिल थे। आपको बता दें कि इस मुकाबले में धोनी से पहले पंत, हार्दिक पंड्या और दिनेश कार्तिक को भेजा गया था, जिस पर खूब सवाल उठे थे।

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सामूहिक फैसला था
हिंदुस्तान टाइम्स को दिये इंटरव्यू में बल्लेबाजी कोच ने कहा कि मैं काफी हैरान हूं, कि लोग मुझे इस फैसले के लिये जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि मैं निर्णय लेने वाली अकेली अथॉरिटी नहीं हूं, विश्वास कीजिए हम सभी हालाते को समझने के बाद फैसला लेते हैं, 2014 में टीम का बल्लेबाजी कोच कार्यभार संभालने वाले बांगर ने कहा कि ये एक सामूहिक फैसला था, सबने मिलकर ये फैसला लिया था, मिडिल ऑर्डर को लचीला बनाया गया था, ताकि 30 से 40 ओवरों के बीच के खेल पर दबदबा बनाया जा सके।

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विराट को पता था
बल्लेबाजी कोच ने कहा कि इस फैसले के बारे में सभी अच्छी तरह से जानते थे, यहां तक कि कप्तान विराट कोहली ने सेमीफाइनल और अफगानिस्तान के खिलाफ मुकाबले के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि धोनी को निचले क्रम पर खिलाने का फैसला लिया गया था, ताकि डेथ ओवरों तक वो लय में आ सकें।

धोनी को फिनिशर की भूमिका
संजय बांगर ने कहा कि दिनेश कार्तिक को पांचवें नंबर पर भेजने का फैसला टीम के चेंजिंग रुम में ये सोचकर लिया गया था कि वो विकेटों के पतन को रोकेंगे, ताकि पारी का अंत करने के लिये हमारे पास सबसे अनुभवी बल्लेबाज धोनी बचा रहे, उऩ्होने कहा कि कोच रवि शास्त्री ने भी कहा कि ये टीम का फैसला था, ऐसे में मुझे ये समझ नहीं आ रहा कि लोगों के मन में ये धारणा कैसे आ गई कि धोनी को नीचे भेजने का फैसला अकेले मेरे का था।