370 पर अकेले रो रहा है पाकिस्‍तान, मुस्लिम देशों ने भी नहीं दिया साथ, अब चीन ने भी लिया बड़ा फैसला

कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़े होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है, कश्‍मीर में धारा 370 हटाने पर अब तक इन देशों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी हे ।

New Delhi, Aug 06 : कश्‍मीर में धारा 370 के खात्‍मे पर पाकिस्‍तान का विरोध अलग थलग पड़ गया है । पाक प्रधानमंत्री अपने मित्र देशों से गुहार लगा रहे हैं लेकिन फिलहाल कोई उनके साथ खड़ा नजर नहीं आ रहा । पाकिस्‍तान ने भारत सरकार के इस फैसले के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई है । पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि  भारत अधिकृत जम्मू-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय तौर पर विवादित क्षेत्र है । इस अंतरराष्ट्रीय विवाद में एक पक्ष होने के नाते पाकिस्तान इस अनुचित कदम का विरोध करने के लिए हर विकल्प का इस्तेमाल करेगा ।

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अंतर्राष्‍ट्रीय मंच पर उठाने की कोशिश रही नाकाम
पाकिस्तान लगातार कश्मीर विवाद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की कोशिश करता रहा है, लेकिन भारत के इस कदम के बाद अब उसे आत्मनिरीक्षण करना होगा । अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप से मध्यस्थता के प्रस्ताव का दांव ही उस पर उल्‍टा पड़ता नजर आ रहा है । भारत सरकार द्वारा 370 को हटाने के इस कदम पर पाकिस्‍तान की मशहूर लेखक आयशा सिद्दीकी ने सवाल किया है कि – सवाल यह उठता है कि पाकिस्तान के इंटेलिजेंस के डायरेक्टर को यह भनक क्यों नहीं लग पाई कि भारत कश्मीर में क्या करने की योजना बना रहा है । यह एक सरप्राइज की तरह क्यों हमारे सामने आया?

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मुस्लिम देशों से नहीं मिला साथ
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़े होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है, कश्‍मीर में धारा 370 हटाने पर अब तक इन देशों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी हे । जबकि, 4 अगस्त को ही इस्लामिक देशों के संगठन ने कहा था कि भारतीय अधिकृत जम्मू-कश्मीर में बिगड़ते हालात चिंताजनक हैं । हैरानी की बात ये कि पाकिस्तान के सरमाया , दोस्त चीन ने भी अब तक इस मामले में चुप्पी साधी हुई है । जबकि मामला अब लद्दाख का भी है क्‍योंकि लद्दाख के बड़े हिस्से जैसे अक्साई चिन पर चीन अपना दावा करता रहता है ।

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चीन ने निवेश भी कम किया
चीन पाकिस्‍तान को निवेश के मामले में भी दरकिनार कर रहा है । दरअसल नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बचाने के लिए इस साल मार्च में चीन ने उसे दो अरब डॉलर का कर्ज दिया था । लेकिन अब पाकिस्तान के लिए बुरी खबर यह है कि चीन ही वहां से अपना हाथ खींचने लगा है । रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 के छह महीनों, जुलाई से जून, के दौरान पाकिस्तान में चीनी निवेश घटकर 49.6 करोड़ डॉलर रह गया है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में पाकिस्तान में चीन ने 1.8 अरब डॉलर का निवेश किया था । वहीं अमेरिका से आने वाला निवेश घटकर 8.4 करोड़ डॉलर रह गया है ।