नवजोत सिंह सिद्धू ने जिन वजहों से छोड़ी थी बीजेपी, कांग्रेस ने भी रखी वही शर्तें

बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही सिद्धू सबकी आंखों में खटकते रहे हैं, वो बार-बार कैप्टन के खिलाफ बयान भी दे चुके हैं।

New Delhi, Aug 09 : कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार से अलग होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली की सियासी पिच पर उतारने की तैयारी चल रही है, कहा जा रहा है कि दिल्ली कांग्रेस की कमान सिद्धू के हाथों में दी जा सकती है, अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या सिद्धू पंजाब छोड़कर दिल्ली की पिच पर किस्मत आजमाएंगे, इससे पहले भी उन्होने बीजेपी सिर्फ इसी शर्त पर छोड़ी थी, क्योंकि वो बादल परिवार से नाराज थे, लेकिन बीजेपी उन्हें खुलकर उनके खिलाफ बयानबाजी नहीं करने देती थी, अब कांग्रेस भी बीजेपी की तर्ज पर ही सिद्धू के सामने शर्त रख रही है।

Advertisement

बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आये
आपको बता दें कि बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही सिद्धू सबकी आंखों में खटकते रहे हैं, वो बार-बार कैप्टन के खिलाफ बयान भी दे चुके हैं, जिसकी वजह से उन्हें पंजाब कांग्रेस में साइडलाइन कर दिया गया, राहुल-प्रियंका की कोशिश के बाद भी सिद्धू को वो स्थान नहीं मिल रहा है, जो वो चाहते हैं।

Advertisement

चुप्पी साधे हुए हैं
पंजाब सरकार से मंत्री पद छोड़ने के बाद से ही नवजोत सिंह सिद्धू ने चुप्पी साध रखी है, वो अमृतसर में अपने समर्थकों से तो मिल रहे हैं, लेकिन मीडिया से दूरी बना रखी है, वो अपनी सियासी भविष्य को लेकर मीडिया से कोई बात नहीं करना चाहते, इन सब के बीच उन्हें दिल्ली कांग्रेस की कमान मिलने की चर्चा तेज हो गई है। अगर उन्हें दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाता है, तो शायद ये देश का पहला मामला होगा, जब एक प्रदेश के विधायक को दूसरे प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया हो, सिद्धू फिलहाल अमृतसर पूर्व से विधायक हैं।

Advertisement

पंजाब छोड़ना नहीं चाहते
मालूम हो कि सिद्धू ने बीजेपी सिर्फ इसी वजह से छोड़ी थी, क्योंकि वो पंजाब की राजनीति में दखल चाहते थे, जबकि बादल परिवार की वजह से बीजेपी उन्हें खुली छूट देना नहीं चाहती थी, 2014 लोकसभा चुनाव में सिद्धू को हरियाणा के कुरुक्षेत्र और दिल्ली के एक सीट से भी बीजेपी ने चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था, लेकिन वो अमृतसर सीट से लड़ने पर अड़े रहे, जिसके बाद उन्हें राज्यसभा भेज दिया गया।

दिल्ली कांग्रेस की कमान
शीला दीक्षित के अचानक निधन के बाद दिल्ली कांग्रेस में शून्य की स्थिति बन गई है, शीला ने लोकसभा चुनाव में अरने अनुभव से पार्टी को तीसरे नंबर से दूसरे नंबर पर ला खड़ा किया, ऐसे में प्रियंका गांधी चाहती है कि विधानसभा चुनाव में भी पार्टी अच्छा प्रदर्शन करे, इसके लिये सिद्धू को मनाया जा रहा है, लेकिन अभी तक उन्होने इस पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है।