फिल्म नहीं बल्कि सच है, भाई पुलिस और बहन नक्सली, मुठभेड़ में हुआ आमना-सामना, जानिये फिर क्या हुआ

वेट्टी रामा गगनपल्ली गांव के रहने वाले हैं, उन्होने बताया कि उस दिन को याद कर वो सिहर जाते हैं, जब नक्सली गांव में आये और दोनों भाई-बहन को अपने साथ ले गये।

New Delhi, Aug 14 : वैसे तो नक्सल प्रभावित इलाका सुकमा में आये दिन नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ की खबरें आती ही रहती हैं, लेकिन बीते दिनों एक ऐसी नक्सल मुठभेड़ हुई, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, दरअसल इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी भाई और उसकी सगी नक्सली बहन के बीच फायरिंग हुई थी, पुलिस की जबावी कार्रवाई में नक्सली जंगल में भाग गये, यहां तक की नक्सली बहन भी पुलिस से बच निकली, आइये विस्तार से आपको पूरी कहानी बताते हैं।

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क्या है मामला
29 जुलाई को छत्तीसगढ के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इलाका सुकमा जिले के बालकातोंग इलाके में जंगल में सुबह से ही गोलियों की आवाज गूंज रही थी, पुलिस को ये खुफिया जानकारी हाथ लगी कि जंगल में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची, पुलिस के आने की आहट सुन नक्सलियों ने उन पर हमला बोल दिया, दोनों ओर से फायरिंग शुरु हो गई। पुलिस टीम के साथ सहायक आरक्षक वेट्टी रामा गाइड के तौर पर शामिल था।

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बहन की रक्षा की सौगंध
दोनों ओर से गोलियां चल ही रही थी, कि वेट्टी रामा के एक साथी ने बताया कि देखो तुम्हारी बहन कन्नी भाग रही है, जब तक वेट्टी रामा उनकी ओर देखते, उनकी बहन नजरों से ओझल हो गई, भाई ने बहन को आवाज भी दी, लेकिन बहन आवाज को अनसुना कर फरार हो गई, रक्षा बंधन का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे -वैसे वेट्टी रामा को वह दिन याद आ रहा है, जब उन्होने अपनी बहन की रक्षा की सौगंध खाई थी।

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बचपन में उठा ले गये थे नक्सली
वेट्टी रामा गगनपल्ली गांव के रहने वाले हैं, उन्होने बताया कि उस दिन को याद कर वो सिहर जाते हैं, जब नक्सली गांव में आये और दोनों भाई-बहन को अपने साथ ले गये, बाद में उन्हें अपने संगठन में बाल नक्सली के रुप में शामिल कर लिया, इसी संगठन में रहकर दोनों बड़े हुए, हालांकि वेट्टी रामा को अकसर ये महसूस होता था, कि नक्सलियों की विचारधारा पूरी तरह से खोखली है, जिसके बाद उन्होने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, इसके बाद पुलिस विभाग में उन्हें सहायक आरक्षक बना दिया गया।

समझाने की कोशिशें नाकाम
वेट्टी रामा पर 8 लाख रुपये का ईनाम था, लेकिन अब वो नक्सल उन्मूलन में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं, सूत्रों का दावा है कि मुख्यधारा में लौटने के लिये वेट्टी रामा कई बार अपनी बहन को समझाने की भी कोशिश कर चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें मायूस ही होना पड़ा है, अब फिर से उन्होने पत्र के माध्यम से बहन से अपील की है कि नक्सलवाद का रास्ता छोड़ समाज की मुख्यधारा में लौट आए।

भाई-बहन का आमना-सामना
सुकमा एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि 29 जुलाई को कोंटा एरिया के बालेतोंग में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो नक्सली मारे गये, उस टीम के गाइड के तौर पर वेट्टी रामा पुलिस के साथ थे, उसी दिन मुठभेड़ में वेट्टी रामा और उनकी सगी बहन वेट्टी कन्नी का आमना-सामना हुआ, हालांकि फायरिंग की आड़ में वेट्टी कन्नी बच निकली।