कंगाली की ओर बढ़ रहे पाकिस्‍तान पर बड़ी आफत, अब हुआ ब्‍लैकलिस्‍ट, इमरान खान पीट रहे अपना सिर

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश को बचाने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं, पाकिस्‍तान आर्थिक रूप से पिछड़ तो रहा ही था अब उसकी रही सही आस भी खत्‍म होने वाली है ।

New Delhi, Aug 23: टेरर फंडिंग के मामले में पाकिस्‍तान को बड़ा झटका लगा है । आतंक और इससे जुड़ी हुई गतिविधियों के लिए आर्थिक रूप से मदद करना और धन की आवाजाही पर निगरानी रखने वाली वैश्विक निगरानी संस्था ‘फिनांशियल ऐक्शन टास्क फोर्स’ के एशिया-प्रशांत समूह ने पाकिस्तान को ईईएफयूपी यानी की ब्‍लैकलिस्‍ट में डाल दिया है । शुक्रवार को आई इस सूचना के बाद से पाकिस्‍तान में खलबली मच गई है । जांच में ये भी पाया गया कि पाकिस्‍तान ने 40 नियमों में से 32 को मना ही नहीं । ऑस्‍ट्रेलिया के कैनबरा में हुई एफएटीएफ एपीजी की बैठक में ये फैसला लिया गया ।

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भारतीय अधिकारी ने दी जानकारी
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि –  एपीजे ने पाकिस्तान को मानकों पर खरा नहीं उतरने की वजह से ईईएफयू लिस्ट (काली सूची) में डालने के लिए कदम बढ़ा दिया है । पाकिस्‍तान आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने और धन शोधन के 11 प्रभावी मानकों में से 10 में खरा नहीं उतर पाया । वहीं एक अन्य अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार अब पाकिस्तान को अक्टूबर में होने वाले रिव्‍यू पर ध्‍यान देना चाहिए ।

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पहले से ही ग्रे लिस्‍ट में था पाकिस्‍तान
आपको बता दें कि पाकिस्तान पहले से ही FATF की ग्रे लिस्ट में था । उसपर आतंकी संगठनों पर एक्शन लेने का भारी दवाब था । इसी वजह से जैश और हाफिज सईद को लेकर कार्रवाई की गई । ऑस्ट्रेलिया के कैबनरा में पाकिस्तान से जुड़ी म्युचुअल इवेल्यूशन रिपोर्ट यानी MER को पेश किया गया। इस रिपोर्ट के बाद ही पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया ।

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पाकिस्‍तान को नहीं मिल पाएगा कर्ज
ब्‍लैक लिस्‍ट होने के बाद अब पाकिस्‍तान के सामने कर्ज का संकट पैदा हो जाएगा, वो किसी भी देश से कर्ज नहीं ले पाएगा । फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स ने शुक्रवार को बताया कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग पर अपने ऐक्शन प्लान को पूरा करने में विफल रहा है। एफएटीएफ ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ‘न सिर्फ पाकिस्तान जनवरी की समय सीमा के साथ अपनी ऐक्शन प्लान को पूरा करने में विफल रहा है, बल्कि वह मई 2019 तक भी अपनी कार्य योजना को पूरा करने में भी विफल रहा है।’