जिस बीमारी ने ली अरुण जेटली की जान, जानिए क्या होते हैं उस सॉफ्ट टिश्यू कैंसर के लक्षण
अगर शरीर में कोई गांठ दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं । इसके साथ ही तेज पेट दर्द होना इसके फैलने का संकेत हो सकता है, तो इसे नजरअंदाज न करें ।
New Delhi, Aug 27: अरुण जेटली लंबे समय से सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा कैंसर से पीड़ित थे । वो काफी समय से इसका इलाज भी करवा रहे थे । 9 अगस्त को सांस में दिक्कत के कारण उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया, इसके बाद से उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया । 24 अगस्त शनिवार को वो बीमारी में ही दुनिया को अलविदा कह गए । डॉक्टर्स ने बताया कि अरुण जेटली सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा नाम के एक दुर्लभ प्रकार के कैंसर के शिकार थे ।
क्या होता है सॉफ्ट टिश्यू कैंसर ?
ये कैंसर इंसानी शरीर के सॉफ्ट टिश्यूज, मसल्स, स्किन, ब्लड, नसों, खून की नलियों और ज्वाइंट्समें हो जाता है । ह्यूमन बॉडी अनेक सॉफ्ट टिश्यूज से मिलकर बनी है । लेकिन ऐसा नहीं है कि कैंसर पूरे शरीर में फैल जाए । लेकिन जब सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा एक टिश्यू के अंदर बनने शुरू होते हैं तो यह वहां से दूसरे टिशू में भी फैलने लगता है । इस कैंसर की चपेट में बच्चे भी आ जाते हैं, लेकिन आम तौर पर ये युवाओं में तेजी से फैलता है । ये 50 से ज्यादा तरह का होता है ।
सॉफ्ट टिश्यू कैंसर के लक्षण
इस कैंसर की शुरुआत में ये पकड़ में नहीं आता, लेकिन जैसे-जैसे ये विकसित होता है तो मासपेशियों में तेज दर्द होता है । ऐसे दर्द का आभास हो तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराए । इसके अलावा शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ होना भी इसका एक लक्षण है । अगर शरीर में कोई गांठ दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं । इसके साथ ही तेज पेट दर्द होना इसके फैलने का संकेत हो सकता है, तो इसे नजरअंदाज न करें ।
सावधानी
सॉफ्ट टिश्यू कैंसर वैसे तो किसी को भी हो सकता है, किसी भी उम्र में हो सकता है । लेकिन सावधानी के रूप में हमेंशा खाने पीने में हमेशा सावधानी रखें । ज्यादा ऑइली चीजों के खानें से हमेशा बचें । बहुत मसालेदार खाना, या बहुत ही गर्म तासीर का खाना आपके लिए नुकसान कर सकता है । इस तरह का खाना शरीर को भीतरी तौर पर धीरे-धीरे बीमारियों का घर बनाता रहता है । जरूरत है अपनी जीवनशैली पर ध्यान देने की, वरना सुविधाओं के होते हुए भी कब बीमारी किसे निगल जाए ये कहा नहीं जा सकता ।