बसपा संस्थापक कांशीराम की मौत से उठेगा पर्दा, कई चेहरे हो सकते हैं ‘बेनकाब’

करीब 13 साल पहले साल 2006 में कांशीराम का निधन हुआ था, अब उनकी मौत का मुद्दा फिर सामने आ गया है।

New Delhi, Aug 30 : 13 साल बाद बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की मौत का मामला एक बार फिर गरमाने लगा है, योगी सरकार में नवनियुक्त समाज कल्याण राज्यमंत्री जी एस धर्मेश ने कांशीराम की मौत को संदिग्ध मानते हुए मामले में सीबीआई जांच की मांग की है, आगरा के सर्किट हाउस में बुधवार को मीडिया से बात करते हुए योगी के मंत्री ने कहा कि वो जल्द ही सीएम से मिलकर मामले में सीबीआई जांच कराने का अनुरोध करेंगे, ये बात उन्होने कांशीराम की बहन सुवर्णा के उन आरोपों को आधार बताकर कही, जिसमें वो पूर्व सीएम की मौत को संदिग्ध बताते हुए जांच की मांग कर रही हैं।

Advertisement

बहन ने लगाये थे गंभीर आरोप
दरअसल कांशीराम का परिवार उनकी मौत के बाद ही मायावती पर गंभीर आरोप लगाता रहा है, कि उन्हें बंधक बनाकर मार डाला गया, पूर्व सीएम की बहन सुवर्णा का आरोप है कि मायावती उनके परिवार की दुश्मन नंबर वन है, उनके भाई के जीवन के आखिरी दिनों में बंदी बनाकर मार डाला और परिवार को उनसे नहीं मिलने दिया, मेरी बुजुर्ग मां भी बेटे कांशीराम के वियोग में मर गई। सुवर्णा ने बताया कि 2003 में मायावती ने कहा था कि उनके पास कांशीराम के इलाज के लिये पैसे नहीं हैं, तो मेरी मां ने तुरंत अपने सोने के कंगन दे दिये, बसपा को मायावती ने लूट लिया है।

Advertisement

2006 में हुई थी मौत
आपको बता दें कि करीब 13 साल पहले साल 2006 में कांशीराम का निधन हुआ था, अब उनकी मौत का मुद्दा फिर सामने आ गया है, योगी सरकार के मंत्री ने बहन के आरोपों को आधार बताकर मामले में सीबीआई जांत की मांग कर डाली है, उन्होने कहा कि कांशीराम की मौत प्राकृतिक नहीं थी।

Advertisement

मायावती ने हत्या की
योगी के मंत्री ने कहा कि कांशीराम का इलाज मायावती की देखरेख में हुआ था, कांशीराम की बहन कह रही है, कि मायावती ने उनकी हत्या की है, मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करुंगा, कि मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए, ताकि क्या है पूरा मामला लोगों के सामने आ जाए, कांशीराम का निधन 9 अक्टूबर 2006 को हुआ था।