Opinion – राजनीति प्रेरित,बदले की भावना और पलट वार!

इस देश में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का जो बुरा हाल बना रखा गया है, उसमें अधिकतर नेता अदालती सजा से बच भी जाते हैं।

New Delhi, Sep 06 : कर्नाटका के कांग्रेस नेता गिरफ्तार हुए तो उन्होंने भी वही घिसा -पिटा रिकाॅर्ड बजाया, ‘राजनीति से प्रेरित है।’ कुछ अन्य नेता भी जब सेंध पर पकड़े जाते हैं तो भी पहला वाक्य यही बोलते हैं ‘ बदले की भावना से कार्रवाई हो रही है।’ यदि सचमुच राजनीति से प्रेरित होकर और बदले की भावना से कार्रवाई होती है तो उसे बंद कर देने के लिए कुछ ठोस उपाय किए जा सकते हैं।

Advertisement

विभिन्न दलों के नेतागण दशकों से समय -समय पर भ्रष्टाचार -अपराध के आरोपों में गिरफ्तार होते ही रहे हैं। इस देश में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का जो बुरा हाल बना रखा गया है, उसमें अधिकतर नेता अदालती सजा से बच भी जाते हैं।
1.- सजा से बच जाने के बाद भी किसी नेता ने जांच एजेंसी, पुलिस या फिर किसी प्रतिपक्षी नेता पर कोई केस नहीं किया । केस करके बदले की भावना वालों को सजा दिलवाई जा सकती है।
कानून में ऐसा प्रावधान भी है। केस नहीं किया यानी बदले की भावना नहीं है। ऐसा केस करने में डर इस बात का हो सकता है कि जो बिंदु कोर्ट में विचार के लिए अब तक नहीं आ पाया था,शायद अगली बार वह आ जाए। शिव कुमार जी को चाहिए कि वे निर्दोष साबित हो जाने के बाद जरूर उन पर केस करें जिन्होंने उन्हें ‘फंसाया’ है। यदि शिव कुमार अपने राजनीतिक विरोधियों को सजा दिला सकेंगे तो आगे फिर कोई नेता अपने विरोधी को गलत केस में फंसाने की हिम्मत नहीं करेगा। पर मुझे मालूम है कि ऐसा शिव कुमार नहीं करेंगे।

Advertisement

2.-इन दिनों भी कई राज्यों में गैर राजग-गैर भाजपा सरकारें हैं। उन राज्यों में जिन राजग नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं,उन पर स्थानीय पुलिस-विजिलेंस केस कर ही सकती है। राजग विरोधी लोग अक्सर यह शिकायत करते हैं कि सिर्फ गैर राजग नेताओं के खिलाफ चुन चुन कर केस हो रहे हैं। आप अपने शासन वाले राज्यों में भाजपा या राजग नेताओं के खिलाफ वही काम करिए।आपको कौन रोकता है ? यदि ऐसा हुआ तो फिर केंद्र सरकार भी राजग विरोधी दलों के नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई बंद कर देगी।यदि सचमुच बदले की भावना काम कर रही है तो। पर मुझे पता है कि गैर राजग सत्ताधारी ऐसा नहीं करेंगे।
क्योंकि वे तो चाहते हैं कि तुम हमें बचाओ,हम तुम्हंे बचाते हैं।

Advertisement

3.-तीसरा उपाय यह है कि गैर राजग दल डा. सुब्रह्मण्यन स्वामी की राह पर चले। सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि सरकारी भ्रष्टाचार के मामले में कोई नागरिक भी केस कर सकता है। उसी का लाभ उठा कर स्वामी ने कई बड़े भ्रष्ट नेताओं को धूल चटा दी। यदि गैर राजग दलों के नेतागण, जिनकी जेलों की ओर इन दिनों लाइन लगी हुई है, इन उपायों में से कोई उपाय नहीं करते हैं तो माना जाएगा कि उन पर जो आरोप लग रहे हैं ,वे सही हैं। और अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ आपके पास भ्रष्टाचार के कोई ठोस सबूत नहीं हैं।

(वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)