चंद्रयान-2: हौसला देते PM मोदी ने ISRO चीफ को लगाया गले, अंजना ओम कश्‍यप ने कह दी बड़ी बात

पीएम मोदी ने उन्हें गला लगाकर उनका हौसला बढ़ाया । पीएम मोदी भी बेहद भावुक नजर आए, लेकिन वो ISRO चीफ के सिवन को दिलासा देते रहे ।

New Delhi, Sep 07: चंद्रयान-2 से संपर्क टूट गया है । देर रात तक सभी की निगाहें जिस मंजर को देखने को बेचैन थीं वो पूरा ना हो सका । इसरो ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि विक्रम लैंडर उतर रहा था और लक्ष्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका काम सामान्य था । उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया । आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है । इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह – सुबह इसरो मुख्यालय पहुंचे । इस मौके पर प्रधानमंत्री का एक अलग ही रूप नजर आया । देश के प्रधानमंत्री होने के नाते उन्‍होने जिस तरह से इसरो चीफ को दिलासा दिया वो नजारा देखने लायक रह ।

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इसरो चीफ को गले लगाया
प्रधनमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इसरो चीफ को गले लगाया, उनका हौसला बंधया, ढांढस दिया कि कोईबात नहीं । दरअसल जब पीएम बेंगलुरु सेंटर से लौट रहे थे तो ISRO चीफ के सिवन उन्हें सी ऑफ करने आए । इस दौरान इसरो चीफ की आंखें नम हो गईं । हालांकि पीएम मोदी ने उन्हें गला लगाकर उनका हौसला बढ़ाया । पीएम मोदी भी बेहद भावुक नजर आए, लेकिन वो के सिवन को दिलासा देते रहे ।

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वायरल हो रहा है वीडियो, अंजना का ट्वीट
पीएम मोदी का इसरो चीफ को गले लगाकर हौसला बढ़ाने वाला ये वीडियो काफी वायरल हो रहा है । इस वीडियो को टीवी एंकर अंजना ओम कश्‍यप ने ट्वीट कर इस पर कैप्‍शन दिया है । अंजना ने लिखा –
जिन वैज्ञानिकों पर हिंद को नाज़ है..
उन्हें मिला प्रधानमंत्री का साथ है !
आपको बता दें प्रधानमंत्री ने शनिवार को ISRO वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उनका हौसला बढ़ाया था, उन्होंने कहा थ्‍सस कि चंद्रमा मिशन चंद्रयान -2 में बाधाओं से निराश न हों । उन्होंने कहा कि ‘नया सवेरा’ होगा ।

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प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों का किया धन्‍यवाद
प्रधानमंत्री ने कहा –  ‘जहां तक हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों का सवाल है, तो सर्वश्रेष्ठ आना बाकी है । कई नये क्षेत्रों में खोज करने के अवसर हैं । मैं अपने वैज्ञानिकों से कहना चाहता हूं कि भारत आपके साथ है । आप विशिष्ठ पेशेवर हैं जो राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे रहे हैं।’ पीएम ने कहा – ‘आप मक्खन पर लकीर करने वाले लोग नहीं, बल्कि पत्थर पर लकीर करने वाले लोग हैं । अतीत में कई ऐसे अवसर आए हैं जब रुकावटों को पीछे छोड़ कर हमने वापसी की है।’ मोदी ने निराश हो रहे वैज्ञानिकों से कहा – ‘मां भारती का सिर ऊंचा हो, इसके लिये आप पूरा जीवन खपा देते हैं । मैं कल रात की आपकी मन:स्थिति को समझता हूं । आपकी आंखें बहुत कुछ कह रही थीं । आपके चेहरे की उदासी मैं पढ़ पा रहा था, इसलिये मैं आपके बीच ज्यादा देर नहीं नहीं रुका।’