पाकिस्‍तान को आतंकी देश बनाने में इस देश का है बड़ा हाथ,इमरान खान के बयान से दुनिया भर में सनसनी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बड़ा कुबूलनामा किया है । इमरान खान ने पाकिस्‍तान को आतंकी देश बनाने वाले दुनिया के शीर्ष देश का पर्दाफाश किया है । इमरान खान ने रशिया टुडे को दिए इंटरव्‍यू में इस देश की धज्जियां उड़ा दीं ।

New Delhi, Sep 13: पाकिस्‍तान आज दुनिया के नक्‍शे में एक टेरर स्‍टेट के नाम से कलंकित है, उसे दुनिया के कई अहम मंचों पर ब्‍लैक लिस्‍ट कर दिया गया है । अब इससे शर्मनक पाकिस्‍तान के लिए और क्‍या हो सकता है । शायद इसीलिए पाकिस्‍तान अब उन मुल्‍कों का नाम सबके सामने ला रहा है जिन्‍की वजह से वो आज इस बदनामी को बर्दाश्‍त करने को मजबूर है । रशिया टुडे को दिए इंटरव्यू में इमरान खान ने कबूल किया कि शीत युद्ध के दौरान अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए पाकिस्तान ने ही जिहादियों को तैयार किया था जिसकी फंडिंग अमेरिका ने ही की थी ।

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अमेरिका से इसलिए नाराज है पाकिस्‍तान
इमरान खान ने कहा कि फंडिंग के बाद अमेरिका जिहादियों की फौज खड़ी करने में बराबर काजिम्‍मेदार है, लेकिन एक दशक बाद अमेरिका ने इन्हीं जिहादियों को आतंकवादी घोषित कर दिया । पाकिस्‍तान को टेरर कंट्री घोषित कर दिया गया और अमेरिका ने कुछ नहीं कहा । पीएम इमरान खान ने कहा कि जब पाकिस्तान ने 9/11 हमले के बाद अमेरिका का साथ दिया तो उसे बहुत नुकसान उठाना पड़ा । इमरान ने कहा, अगर हमने 9/11 के बाद आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध में हिस्सा नहीं लिया होता तो आज हम दुनिया के सबसे खतरनाक देश नहीं होते ।

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हां जिहादियों को हमने तैयार किया : इमरान
अफगानिस्तान में अमेरिकी हमले पर इमरान खान ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा –  80 के दशक में जब सोवियत ने अफगानिस्तान में हमला किया तो उनके खिलाफ अफगान मुजाहिदीन को पाकिस्तान ने प्रशिक्षण दिया,  जिसकी फंडिंग अमेरिका की जांच एजेंसी सीआईए कर रही थी । एक दशक बाद जब अमेरिकी अफगानिस्तान में आए, तो पाकिस्तान के इन्हीं समूहों को कहा गया कि अब अमेरिका वहां आ गया है इसलिए अब ये जिहाद नहीं बल्कि आतंकवाद है ।  ये बहुत बड़ा विरोधाभास था । इमरान ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान को तटस्थ बने रहना चाहिए था ।  अफगान युद्ध में शामिल होने की वजह से ये समूह हमारे खिलाफ हो गए ।

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अमेरिका ने पाकिस्‍तान के साथ किया अन्‍याय – इमरान खान
इमरान खान ने कहा – पाकिस्‍तान ने 70,000 लोगों की जानें गंवाई हैं और अर्थव्यवस्था को 100 अरब डॉलर का नुकसान हुआ । अफगानिस्तान में सफल नहीं होने पर अमेरिकियों को नहीं बल्कि हमें ही जिम्मेदार ठहराया गया । मुझे लगता है कि ये पाकिस्तान के साथ अन्याय है । इमरान खान का ये गुस्‍सा इसलिए भी फूटा है क्‍योंकि ट्रंप पाकिस्‍तान के हितैषी बनने की जगह देश को फटकार लगाने में पीछे नहीं है । इसी सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की मदद से आयोजित की गई अफगान तालिबान वार्ता को रद्द कर दिया था । ट्रंप ने तालिबान के साथ शांति वार्ता रद्द करने के पीछे काबुल में हुए तालिबानी हमले को वजह बताया जिसमें एक अमेरिकी सैनिक समेत 12 लोग मारे गए ।

भारत के लिए राहत भरी खबर
वहीं अफगान वार्ता रद्द होने से पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, अमेरिका तालिबान को सीजफायर के लिए तैयार होने के लिए पाकिस्तान पर पहले से ज्यादा दबाव बढ़ाएगा । वहीं दूसरी तरफ, पाकिस्तान कश्मीर पर समर्थन जुटाने के लिए भी अमेरिका के सामने तालिबान कार्ड खेलता रहा है । वार्ता रद्द होने से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है । हालांकि, एक्‍सपर्ट के मुताबिक भारत के लिए यह राहत की बात होनी चाहिए क्योंकि इसी महीने अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं । हिंदुस्‍तान के काबुल की सरकार के साथ मजबूत रिश्ते हैं और उसने तालिबान को एक वैध राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता नहीं दी है । भारत अमेरिकी-तालिबान वार्ता को घातक मानता रहा है ।