जो PM मोदी भी नहीं कर पाए वो योगी आदित्यनाथ ने कर दिखाया, यूपी में बदल दिया 40 साल पुराना इतिहास

उत्‍तर प्रदेश में अभी तक सीएम समेत सभी मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार ही चुका रही थी । सीएम योगी आदित्यनाथ ने आलोचना के बाद इसे बदल दिया है ।  

New Delhi, Sep 14: उत्तर प्रदेश में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने 40 साल पुराने कानून को बदलकर ऐतिहासिक फैसला किया । राज्‍य में अब  CM और सारे मंत्री खुद अपना इनकम टैक्स चुकाएंगे । यह जानकारी प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने दी है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार यह फैसला किया गया कि अब आम जनता की तरह मंत्री भी अपने इनकम टैक्स का भुगतान स्वयं करेंगे । इस निर्णय के साथ ही योगी ने 40 साल साल पुराने कानून को बदल दिया ।

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सरकारी खजाने से जाता था इनकम टैक्‍स
मंत्रियों द्वारा अपना इनकम टैक्‍स खुद भरे जाने की जानकारी प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्नाने दी । उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज एलाउन्सेस एंड मिसलेनियस एक्ट-1981 के अन्तर्गत सभी मंत्रियों के इनकम टैक्स बिल का भुगतान अभी तक राज्य सरकार की ट्रेजरी द्वारा किया जाता है । सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार यह निर्णय लिया गया है । अब सभी मंत्री अपने इनकम टैक्स का भुगतान स्वयं करेंगे । मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक्ट के इस प्रावधान को समाप्त किया जायेगा ।

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1981 से चल रहा है कानून
उत्‍तर प्रदेश में 1981 से सरकारी खजाने से ही CM और मंत्रियों का इनकम टैक्स भरा जा रहा था । पुराने कानून के मुताबिक राज्य के सीएम और मंत्री अपनी कम वेतन के कारण इनकम टैक्स नहीं भर सकते और वो गरीब हैं ।  लेकिन चुनाव के दौरान दिए गए राज्य के मंत्रियों के हलफनामे कोई और ही कहानी बयां करते हैं । उत्‍तर प्रदेश में अभी तक सीएम समेत सभी मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार ही चुका रही थी । सीएम योगी आदित्यनाथ ने आलोचना के बाद इसे बदल दिया है ।

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40 साल में 19 सीएम बने, 1000 से ज्‍यादा मंत्री
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंसेस और मिसलेनियस एक्ट, 1981 में बना था । उस समय राज्‍य में विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे । तब से राज्य में अलग-अलग पार्टियों से 19 मुख्यमंत्री बन चुके हैं, जिसमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस, बीजेपी सभी दलों के नेता शामिल हैं । इतना ही नहीं कानून लागू होने के बाद से राज्य में लगभग एक हजार मंत्री भी बन चुके हैं । जब इस बिल को पास कराने के लिए विधानसभा में रखा गया था तब वीपी सिंह ने सदन में कहा था कि राज्य सरकार को मंत्रियों के इनकम टैक्स भरने चाहिए क्योंकि ज्यादातर मंत्री गरीब हैं और उनकी आय बेहद कम है ।