इस शख्‍स के अचानक निधन से सदमे में फिल्‍म इंडस्‍ट्री, श्रद्धांजलि देने उमड़े सेलेब्‍स

फिल्ममेकर नागेश कुकुनूर की लगभग हर फिल्म में संजीब ने काम किया था । नागेश ने ही उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा –  “मुझे बताया गया है कि वह एक बायपास सर्जरी के लिए गए थे, लेकिन फिर वो कभी नहीं लौटे । मैं और जानकारी इकट्ठा कर रहा हूं ।”

New Delhi, Sep 16: हिंदी और बांग्ला सिनेमा के मशहूर फिल्म एडिटर संजीब कुमार दत्ता का असमय निधन हो गया । संजीब ने हिंदी की तमाम चर्चित फिल्मों जैसे इकबाल, तीन दीवारें, एक हसीना थी और 8×10 तस्वीर को एडिट किया था । फिल्म Director अश्विनी चौधरी ने अपनी फेसबुक वॉल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक भावुक पोस्‍ट शेयर की है । उन्‍होने लिखा है कि संजीब एक बेहदतरीन एडिटर और और महान व्यक्तित्व के धनी थे ।

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संजीब दत्‍ता का करियर
संजीब ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से फिल्म एडिटिंग की पढ़ाई की थी, इसके बाद उन्‍होनेमशहूर फिल्म एडिटर रेनू सलूजा के साथ बतौर असिसटेंट काम करना शुरू किया, यहीं से उनके करियर की शुरुआत हुई । रेनू के जरिए ही उन्हें उनके करियर की बतौर संपादक पहली फिल्म बड़ा दिन 1998 में मिली थी । संजीब, रेनू को वह बहुत सम्मान देते थे । बताया जाता है कि रेनू सलूजा के निधन के बाद वो करीब महीने भर तक उनकी लैंडलाइन पर सिर्फ रेनू की रिकॉर्डेड आवाज सुनने के लिए फोन किया करते थे।

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इंडस्‍ट्री में मिले कई अवॉर्ड
संजीब दत्ता को बांग्‍ला और हिंदी दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री में काफी सम्मान मिला। उन्‍हें श्रीराम राघवन निर्देशित फिल्म एक हसीना थी (2004) के लिए बेस्‍ट एडिटर का जी सिने अवार्ड मिला । रानी मुखर्जी स्टारर फिल्म मर्दानी (2014) के संपादन के लिए उन्हें स्क्रीन अवार्ड दिया गया । वहीं बंगाली फिल्म साहेब बीबी गोलाम (2016) के लिए संजीब ने पूर्वी क्षेत्र का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था।

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Rest in peace Sanjib Da…a master of his craft ( he edited one of my films) . Later spent a month together as members…

Posted by Ashwini Chaudhary on Sunday, September 15, 2019

यादों में रहेंगे संजीब
फिल्ममेकर नागेश कुकुनूर की लगभग हर फिल्म में संजीब ने काम किया था । नागेश ने ही उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा –  “मुझे बताया गया है कि वह एक बायपास सर्जरी के लिए गए थे, लेकिन फिर वो कभी नहीं लौटे । मैं और जानकारी इकट्ठा कर रहा हूं । वह रेणु सलुजा स्कूल के अंतिम व्यक्ति थे । जिस तरह उन्होंने उनके नाम को आगे बढ़ाया था उस तरह किसी ने भी नहीं बढ़ाया । जब रेणु का निधन हुआ तब वह बॉलीवुड कॉलिंग की एडिटिंग कर रही थीं।” आपको बता दें संजीब ने 80 से ज्यादा हिंदी और बंगाली फिल्मों की एडिटिंग की है । उन्होंने कुंदन शाह, श्रीराम राघवन और प्रदीप सरकार जैसे फिल्ममेकर्स के साथ काम किया था । बॉलीवुड से कई लोग उनके निधन पर उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं ।