विधानसभा चुनाव- शिवसेना के तेवर और हुए तल्ख, इतनी सीटें नहीं मिली, तो बीजेपी से गठबंधन नहीं

2014 विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना के बीच सीट फॉर्मूले पर बात नहीं बनी थी, जिसके बाद दोनों पार्टियां अकेले ही चुनावी मैदान में उतरी थी।

New Delhi, Sep 19 : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की काउंट डाउन जारी है, तमाम राजनैतिक दल अपने स्तर पर तैयारियों में जुटे हुए हैं, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी और शिवसेना में एक बार फिर तल्खी बढती ही जा रही है, शिवसेना प्रवक्ता और उद्धव ठाकरे के करीबी नेता संजय राउत ने सीट बंटवारे को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद महाराष्ट्र में सियासी पारा चढ सकता है।

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बराबरी पर लड़ेंगे चुनाव
शिवसेना वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सीट बंटवारे पर स्पष्ट जबाव देते हुए कहा है कि उनकी पार्टी बराबरी की स्थिति में ही बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी, बराबरी पर ही गठबंधन किया गया है, शिवसेना नेता ने साफ शब्दों में कहा कि अगर 144 सीटें नहीं मिली, तो बीजेपी के साथ गठजोड़ भी नहीं किया जाएगा, आपको बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं।

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सीट बंटवारे में पेंच
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना और बीजेपी के बीच सीट बंटवारे को लेकर एक बार फिर तल्खी बढती दिख रही है, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गठबंधन में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका चाहती है, जबकि शिवसेना अब बराबरी पर तैयार है, दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी जारी है, ऐसे माहौल में संजय राउत का बयान सियासी पारा चढा दिया है।

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50-50 फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना
संजय राउत से पहले महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता दिवाकर राउत ने कहा था कि 144 से कम सीटें मिलने पर बीजेपी के साथ चुनावी गठजोड़ टूट सकता है, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा कि जब अमित शाह और सीएम देवेन्द्र फडण्वीस के बीच बातचीत के दौरान 50-50 फॉर्मूले पर फैसला हो चुका है, तो दिवाकर राउते का बयान गलत नहीं है, चुनाव बीजेपी के साथ लड़ेंगे, क्यों नहीं लड़ेंगे।

2014 में अलग लड़े थे चुनाव
आपको बता दें कि 2014 विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना के बीच सीट फॉर्मूले पर बात नहीं बनी थी, जिसके बाद दोनों पार्टियां अकेले ही चुनावी मैदान में उतर गई, हालांकि चुनाव के बाद शिवसेना सरकार में शामिल हुई, लेकिन कई मौकों पर वो विपक्ष की तरह बर्ताव करती दिखी, 2019 लोकसभा चुनाव में दोनों फिर से गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरे हैं। अब देखना है कि विधानसभा चुनाव में क्या होता है।