वीर सावरकर के साथ रिश्ते को लेकर लता मंगेशकर का बड़ा खुलासा, विरोधियों का मुंह बंद किया
सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने गुरुवार को एक ट्वीट कर वीर सारवकर से अपने रिश्तों को लेकर बड़ा खुलासा किया । लता ने इससे पहले उनका विरोध कर रहे लोगों को नादान कहा था ।
New Delhi, Sep 20 : देश में इन दिनों सावरकर को लेकर चर्चा है, विरोधी जहां अनर्गल बातें करने में पीछे नहीं वहीं वो लोग भी खुलकर सामने आ रहे हैं जो सावरकर को प्रेरणा मानते हैं और करीब से जानते हैं । भारत रत्न और सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर ने गुरुवार को ट्वीट कर कुछ ऐसी ही बातें कहीं हैं । लता ने कहा कि सावरकर से उनके घनिष्ठ रिश्ते हैं। लता दीदी का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब देश में सावरकर को लेकर सियासी घमासान जारी है ।
लता मंगेशकर का ट्वीट
वीर सावरकर की बुराई कर रहे लोगों को लता ने पहले नादान बताया था, अब उन्होने ट्वीट करलिखा है – ‘वीर सावरकर जी और हमारे परिवार के बहुत घनिष्ठ संबंध थे, उन्होंने मेरे पिता जी की नाटक कंपनी के लिए नाटक संन्यस्त खड्ग भी लिखा था।’ लता दीदी ने बताया कि इस नाटक का पहला इस्तेमाल 18 सितंबर 1931 को हुआ था। ट्वीट के साथ लता दीदी ने नाटक का एक गीत भी पोस्ट किया।
Veer Savarkar ji aur hamare pariwar ke bahut ghanisht sambandh the,isiliye unhone mere pita ji ki natak company ke liye natak “ Sanyasta Khadag “ likha tha. Is natak ka pehla prayog 18th Sep 1931 ko hua tha,is natak mein se ek geet bahut lokpriya hua. https://t.co/RMzBUc69SB
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) September 19, 2019
सावरकर जयंती पर बोलीं थीं लता
लता मंगेशकर ने 28 मई को सावरकर की जयंती के मौके पर ट्वीट किया था, उन्होने कहा था कि जो लोग सावरकर जी के विरोध में बोल रहे हैं वे नहीं जानते कि सावरकर जी कितने बड़े देशभक्त और स्वाभिमानी थे। दरअसल मुंबई की एक अदालत ने वीर सावरकर को कथित तौर पर राष्ट्रद्रोही कहने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के खिलाफ मानहानि की शिकायत की जांच के आदेश दिए हैं। इस संबंध में भोइवाड़ा अदालत में सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने शिकायत दर्ज कराई है।
उद्धव ठाकरे ने की भारत रत्न की मांग
वहीं वीर सावरकर को लेकर हाल ही में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर वीर सावरकर आजादी के समय देश के प्रधानमंत्री बनते पाकिस्तान कभी नहीं बनता। ठाकरे ने वीर सावरकर के लिए मरणोपरांत भारत रत्न की अपनी मांग को भी दोहराया।