सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद भूल जाइये प्लास्टिक बोतल, अब ट्रेन में ऐसे मिलेगा आपको पानी

भारतीय रेलवे को रेल नीर से सलाना 176 करोड़ रुपये की कमाई होती है, रेलवे की कुल आय में रेल नीर का हिस्सा 7.8 फीसदी ही होता है।

New Delhi, Oct 06 : राष्ट्रपति महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर मोदी सरकार ने लोगों से अपील की थी, कि वो सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करें, हालांकि सरकार ने अभी पूरी तरह से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, इस सिलसिले में भारतीय रेल में कैटरिंग सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनी आईआरसीटीसी ने भी एक बड़ा कदम उठाया है, आरआईसीटीसी ट्रेनों में रेल नीर ब्रांड का पानी बेचता है, अब रेल नीर की पैकेजिंग बायोडिग्रेडेबल मैटेरियल से होगा।

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इस रुट पर सेवा शुरु
आईआरसीटीसी ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी है, कि सिंगल यूज प्लास्टिक से निपटने के उद्देश्य से रेल नीर की बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग को सफलतापूर्वक टेस्ट कर लिया गया है, इसकी सप्लाई पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लखनऊ-नईदिल्ली-लखनऊ रुट पर शुरु कर दी गई है।

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सलाना 176 करोड़ की कमाई
मालूम हो कि भारतीय रेलवे को रेल नीर से सलाना 176 करोड़ रुपये की कमाई होती है, रेलवे की कुल आय में रेल नीर का हिस्सा 7.8 फीसदी ही होता है, रेल नीर के लिये रेलवे के पास देशभर में अभी 10 प्लांट है, जिसकी क्षमता 10.9 लाख लीटर प्रतिदिन है, रेलवे जल्द ही 6 नये प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है, इसके अलावा रेल नीर के 4 नये प्लांट 2021 तक लाने के लिये कंपनी के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।

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पूरी तरह से बैन नहीं
मोदी सरकार की योजना सिंगल यूज प्लास्टिक के 6 आइटम्स पर प्रतिबंध लगाने की थी, लेकिन अर्थव्यवस्था में पहले से मौजूद सुस्ती और कर्मचारियों की छंटनी की आशंका की वजह से बैन से स्थिति और बिगड़ सकती है, न्यूज एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में दो सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि प्लास्टिक बैग, कप, प्लेट, छोटे बोतल, स्ट्रॉ और कुछ चुनिंदा चीजों के शैशे पर तुरंत रोक लगा दी गई है, इसके बदले सरकार लोगों को दूसरी चीजें इस्तेमाल करने के लिये प्रोत्साहित कर रही है।

लोगों को जागरुक करने की तैयारी
पर्यावरण मंत्रालय के शीर्ष ब्यूरोक्रेट चंद्र किशोर मिश्रा ने बताया कि सरकार ने राज्यों को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग के लिये एडवाइजरी जारी की है, सरकार ने राज्यों को कहा, कि प्लास्टिक से बनें सामानों का इस्तेमाल बंद करें, पहले चरण में लोगों को जागरुक किया जा रहा है, दूसरे चरण में इसका विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा।