दशहरा उत्सव में नीतीश के कार्यक्रम से बीजेपी नेताओं ने बनाई दूरी, क्या पलटी मारने को तैयार हैं सुशासन बाबू?
बिहार में बाढ से निपटने के लिये राज्य सरकार के तरीके को लेकर बीजेपी और जदयू के बीच पिछले एक सप्ताह से मनमुटाव की खबरें है।
New Delhi, Oct 09 : रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले को जलाकर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में पूरे उत्साह के साथ दशहरा मनाया गया, लेकिन इस दौरान सीएम नीतीश कुमार के साथ कोई भी बीजेपी नेता मंच पर मौजूद नहीं दिखा, जिसके बाद प्रदेश में राजग में दरार पड़ने की अटकलें लगाई जाने लगी है, इसे लेकर तरह-तरह के दावे किये जा रहे हैं।
कम रही भीड़
पटना के गांधी मैदान में सालों से रावण वध का कार्यक्रम किया जाता रहा है, लेकिन इस साल भीड़ उम्मीद से कम रही, कहा जा रहा है कि पटना में भारी बारिश और जल जमाव की वजह से मची तबाही इसका मुख्य कारण है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा मंच पर मौजूद थे।
बीजेपी नेता नहीं दिखे
इस दौरान सभी की नजरें मंच पर पड़ी खाली सीटों पर रही, माना जा रहा है कि इन सीटों पर डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, केन्द्रीय मंत्री और पटना साहिब सांसद रविशंकर प्रसाद, पाटलिपुत्र सांसद राम कृपाल यादव और बिहार सरकार में मंत्री नंद किशोर यादव को बैठना था, लेकिन इनमें से कोई भी नहीं पहुंचे।
बीजेपी-जदयू में मनमुटाव
बिहार में बाढ से निपटने के लिये राज्य सरकार के तरीके को लेकर बीजेपी और जदयू के बीच पिछले एक सप्ताह से मनमुटाव की खबरें है। बीजेपी नेताओं की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल पूछे जाने लगे हैं, प्रवक्ता निखिल आनंद ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं की अनुपस्थिति को राजग सहयोगियों के बीच फूट के रुप में नहीं देखा जाना चाहिये, सभी नेताओं के अलग-अलग जगह कार्यक्रम तय थे, इस वजह से वो मंच पर नहीं पहुंच सके।