प्रेमिका को धोखा देने और सहमति से संबंध बनाने पर कोर्ट का बड़ा फैसला, कही ये बात

कोर्ट ने कहा कि महिला का दावा है कि उसकी सहमति स्वैच्छिक नहीं थी, बल्कि शादी के वादे के प्रलोभन के बाद हासिल की गई थी, मामले में स्थापित नहीं हुआ।

New Delhi, Oct 12 : दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि शारीरिक संबंधों के बावजूद प्रेमिका से बेवफाई चाहे जितनी खराब बात लगे, लेकिन ये अपराध नहीं है, कोर्ट ने कहा कि यौन सहमति पर ना का मललब ना से आगे बढकर अब हां का मतलब हां तक व्यापक स्वीकार्यता है, दिल्ली हाई कोर्ट ने ये फैसला दुष्कर्म के मामले में एक व्यक्ति को बरी करने के फैसले को बरकरार रखते हुए दिया है।

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हाई कोर्ट ने खारिज की पुलिस की अपील
दरअसल एक शख्स के खिलाफ महिला ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया था, इसमें शादी का वादा किया गया था, कोर्ट ने मामले में पुलिस की अपील को खारिज करते हुए कहा, कि मामले में व्यक्ति को बरी करने के निचली कोर्ट के फैसले में कोई कमी नहीं है, हाई कोर्ट ने कहा कि प्रेमी से बेवफाई कुछ लोगों को चाहे जितनी खराब बात लगे, लेकिन आईपीसी के तहत अपराध नहीं है, दो वयस्क परस्पर सहमति से शारीरिक संबंध बनाते हैं, ये अपराध नहीं है।

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परीक्षण से इंकार
कोर्ट ने कहा कि महिला ने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने के आरोपों का इस्तेमाल ना सिर्फ पूर्व में आरोपी के साथ शारीरिक संबंध बनाने को सही ठहराने के लिये बल्कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी अपने आचरण को उचित ठहराने के लिये किया, महिला ने आंतरिक चिकित्सकीय परीक्षण से भी इंकार कर दिया।

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जज ने किया अभियान ना मतलब ना का जिक्र
जस्टिस विभु भाखरु ने कहा, कि जहां तक यौन संबंध बनाने के लिये सहमति का सवाल है, 1990 के दशक में शुरु हुए अभियान ना मतलब ना में एक वैश्विक स्वीकार्य नियम निहित है। मौखिक ना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि यौन संबंध बनाने के लिये सहमति नहीं दी गई, उन्होने कहा कि यौन सहमति पर ना का मतलब ना से आगे बढकर अब हां का मतलब हां तक व्यापक स्वीकार्यता है, इसलिये यौन संबंध स्थापित करने के लिये जब तक एक सकारात्मक सचेत और स्वैच्छिक सहमति नहीं है, ये अपराध होगा।

शादी का प्रलोभन
कोर्ट ने कहा कि महिला का दावा है कि उसकी सहमति स्वैच्छिक नहीं थी, बल्कि शादी के वादे के प्रलोभन के बाद हासिल की गई थी, मामले में स्थापित नहीं हुआ, कोर्ट ने कहा कि पहली बार दुष्कर्म के कथित आरोप के तीन महीने बाद 2016 में महिला आरोपी के साथ स्वेच्छा से होटल में जाती दिखी, इस बात में कोई दम नजर नहीं आता, कि उसे शादी के वादे का प्रलोभन दिया गया था।