चयन समिति बैठक मेें रवि शास्त्री की ‘नो एंट्री’, गांगुली के अध्यक्ष बनने का दिखने लगा असर, ये है मुख्य कारण

23 अक्टूबर को गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल लेंगे, हालांकि वो चयन समिति की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकते।

New Delhi, Oct 18 : टीम इंडिया के पूर्व धुरंधर कप्तान सौरव गांगुली जल्द ही अपनी नई पारी शुरु करने जा रहे हैं, दादा बीसीसीआई के नये अध्यक्ष के रुप में 23 अक्टूबर को कार्यभार संभालने वाले हैं, हालांकि इससे पहले गांगुली ने लोढा कमेटी की सिफारिशों के मद्देनजर साफ कर दिया, कि टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री अब चयन समिति की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।

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24 को बैठक
बांग्लादेश सीरीज के लिये टीम इंडिया का चयन 21 अक्टूबर को होना था, लेकिन फिर इसमें बदलाव किया गया, अब टीम का चयन 24 अक्टूबर को होगा, 23 अक्टूबर को गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल लेंगे, हालांकि वो चयन समिति की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकते, इसलिये वो बैठक से पहले चयन समिति के सदस्यों से बातचीत कर सकते हैं।

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घरेलू क्रिकेट ना खेलने पर देना होगा जवाब
टीम चयन के दौरान चयन समिति के सदस्य, टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और बोर्ड सचिव मौजूद रहेंगे, लेकिन कोच रवि शास्त्री को नो एंट्री रहेगा, हालांकि कयास लगाये जा रहे हैं कि गांगुली के आने से क्रिकेट में असमंजस की स्थिति साफ होगी, पिछले तीन चार साल से घरेलू क्रिकेट ना खेलने पर कोई जवाबदेही नहीं थी, लेकिन शायद अब ऐसा करने पर हर खिलाड़ी को जवाब देना होगा।

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गांगुली-शास्त्री में मतभेद
टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री और बीसीसीआई ने नये अध्यक्ष सौरव गांगुली में मतभेद की कहानी जगजाहिर है, 2017 चैपियंस ट्रॉफी के दौरान कोच रहे कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच हुए मतभेद के बाद अनिल कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद विराट ने शास्त्री को कोच बनाने की मांग की थी, जिसके पक्ष में सौरव गांगुली नहीं थे, हालांकि सीओए और सचिन तेंदुलकर की वजह से गांगुली को पीछे हटना पड़ा था, गांगुली कई मौकों पर शास्त्री के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।