महाप्रलय की आ गई नई तारीख, शोध में बड़ा दावा, सबकुछ हो जाएगा खत्म

इससे पहले वैज्ञानिकों का अनुमान था कि धरती का 5 बार विनाश हो चुका है, इसी वजह से धरती पर से कई जीव जंतुओं की प्रजाति पूरी तरह से विलुप्त हो गई है।

New Delhi, Oct 19 : जब 1999 के बाद 2000 आने वाला था, तो कुछ मीडिया चैनल में ऐसे रिपोर्ट दिखाये गये थे, कि अब सृष्टि खत्म होने वाला है, तरह-तरह के दावे किये गये थे, हालांकि कुछ भी ऐसा नहीं हुआ, अब एक बार फिर से सृष्टि के विनाश की आशंका जाहिर की जा रही है, ध्यान देने वाली बात ये है कि ये दावा कोई धार्मिक नेता या जादूगर नहीं बल्कि शोधकर्ता अपने अध्ययन के आधार पर कर रहे हैं।

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शोध की रिपोर्ट
शोधकर्ताओं ने शोध में पाया, कि करीब 26 करोड़ साल पहले धरती पर पहली बार महाप्रलय हुआ था, उसके बाद 6 बार ऐसा हो चुका है, शोध में ये भी पता चला है कि ये धरती जीव-जंतुओं से विहीन हो चुकी है, एक बार फिर कुछ ऐसा ही होने जा रहा है, अमेरिका के न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसकर मिशेल रेम्पिनो ने शोध रिपोर्ट में ये दावा किया है।

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शोध की मुख्य बातें
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार सृष्टि के विनाश के कारणों की जांच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सका है, कि पृथ्वी पहले भी जीव-जंतु विहीन हो चुकी है, सामूहिक विनाश की सभी घटनाएं पर्यावरणीय उथल-पुथल के कारण हुई थी, शोध के आधार पर दावा किया गया था, कि पृथ्वी पर महाप्रलय बाढ और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी घटनाओं के चलते हुई थी, दावा ये भी किया जा रहा है कि ज्वालामुखी विस्फोट के बाद लाखों किमी तक धरती पर लावा फैल गया था, जिसकी वजह से सारे जीव जंतु का नाश हो गया था।

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पांच बार विनाश
इससे पहले वैज्ञानिकों का अनुमान था कि धरती का 5 बार विनाश हो चुका है, इसी वजह से धरती पर से कई जीव जंतुओं की प्रजाति पूरी तरह से विलुप्त हो गई है, भूवैज्ञानिकों ने सामूहिक विनाश की इन अवधियों को ऑर्डोविशियन (44.3 करोड़ साल पहले) लेट डेवोनियन (37 करोड़ साल पहले) पर्मियन (25.2 करोड़ साल पहले) ट्रायसिक (20.1 करोड़ साल पहले) और क्रेटेशियस (6.6 करोड़ साल पहले) में बांटा गया है।