महाराष्ट्र की गुत्थी सुलझाने के बाद हरियाणा में उतरेंगे अमित शाह, कई दरबारियों का कटेगा पत्ता

मनोहर लाल खट्टर के पुराने दरबारियों में कौन रहेगा और कौन नहीं ये अभी तय होना बाकी है, कई नये लोग संघ की दुहाई देकर राजनीतिक नियुक्तियों पर नजरें गड़ाये हुए हैं।

New Delhi, Oct 30 : हरियाणा में बीजेपी के 75 पार के सपने पर लगे ब्रेक के बाद आलाकमान सख्त हैं, कहा जा रहा है कि 75 पार का उम्मीद संजोये बैठी बीजेपी 40 पर कैसे सिमट गई, इसे लेकर जल्द ही मंथन होगा, फिलहाल अमित शाह महाराष्ट्र में उलझे हुए हैं, वहां सरकार बनाने के बाद हरियाणा पर मंथन होगा, इसलिये महाराष्ट्र की गुत्थी सुलझने का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद मंत्री, विधायक, सांसदों और प्रभारी से पूछा जाएगा, कि चार महीने पहले लोकसभा चुनाव में 10 में 10 सीटें जीतने के बाद भी बहुमत क्यों नहीं आया।

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मंत्रालय का बंटवारा
हार के कारणों के बाद अमित शाह मंत्रिमंडल विस्तार की ओर भी ध्यान देंगे, इस बीच मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा सत्र की घोषणा कर दी है, कहा जा रहा है कि इस बार कैबिनेट मंत्रियों के चयन में शाह का रोल अहम होगा, मंत्रियों के नाम से लेकर विभागों के बंटवारे तक उनकी भूमिका होगी, सरकार में साझीदार डिप्टी सीएम बने दुष्यंत चौटाला भी अपने लिये पावरफुल विभाग की मांग कर रहे हैं, ऐसे में दुष्यंत को क्या मिलता है, इस पर भी प्रदेश वासियों की नजर रहेगी।

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वित्त विभाग को लेकर चल रही तलाश
खट्टर सरकार के वित्त विभाग के लिये अनुभवी की तलाश की जा रही है, अनुभवियों में अनिल विज और बनवारी लाल दो ही नाम नजर आ रहे हैं, किसी अनुभवहीन को ये मंत्रालय देने का मतलब है कि उन पर नौकरशाह हावी हो जाएंगे, एक और नाम जिस पर विचार किया जा रहा है, वो नांगल चौधरी विधायक अभय सिंह यादव का नाम है।

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अनिल विज ने पहले ही कर दिया ट्वीट
अनिल विज ने ट्विटर के माध्यम से अपनी इच्छा जाहिर कर दी है, उन्होने लिखा है कि मैंने गठबंधन सरकार में किसी भी पद का दावा नहीं किया है, मीडिया में चल रही खबरें बेबुनियाद और निराधार है, जीतने वाले विधायकों में अनिल विज ही सबसे वरिष्ठ हैं, वो 6 बार के विधायक हैं, और हरियाणा बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं।

पुराने दरबारियों में कौन रहेगा कौन नहीं
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पुराने दरबारियों में कौन रहेगा और कौन नहीं ये अभी तय होना बाकी है, कई नये लोग संघ की दुहाई देकर राजनीतिक नियुक्तियों पर नजरें गड़ाये हुए हैं, कई पुराने दरबारी दोबारा नियुक्ति की लालसा में हैं, ऐसे में मनोहर लाल खट्टर किसी स्थान देंगे और किसे नहीं ये तो आने वाले समय में पता चल जाएगा।