पुलिस-वकील की लड़ाई में कूदीं किरण बेदी, 31 साल पहले वाली बात बताई, कहा – डटे रहना

दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हुई मामूली सी कहासुनी इतना बड़ा बवाल बन जाएगी किसने सोचा था । बहरहाल अब इस विवाद में दिल्‍ली पुलिस के साथ किरण बेदी भी खड़ी हो गई हैं ।

New Delhi, Nov 06: दिल्ली पुलिस की पहली महिला आईपीएस अधिकारी रह चुकीं किरण बेदी ने दिल्ली में चल रहे पुलिस और वकील विवाद में दिल्‍ली पुलिस के जवानों का समर्थन किया है । बेदी ने तीस हजारी कोर्ट में पुलिस-वकीलों की हिंसक झड़प पर दिल्ली पुलिस को सलाह दी है कि पुलिस अपने रुख पर दृढ़ता से कायम रहे चाहे नतीजा कुछ भी हो । उन्‍होने 31 साल पुरानी एक घटना का जिक्र भी किया । बेदी के समर्थन के बाद दिल्‍ली पुलिस और मजबूती से अपने लिए न्‍याय मांग रही है ।

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किरण बेदी को लेकर लग रहे थे नारे
दिल्ली में चल रहे पुलिस और वकील विवाद में मंगलवार को पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे कई पुलिसकर्मियों ने किरण बेदी के पोस्टर को थामा हुआ था । ये पुलिसकर्मी नारा लगा रहे थे, ‘किरण बेदी शेरनी हमारी’, ‘हमारा पुलिस कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो’। बता दें कि बेदी अभी पुदुचेरी की उपराज्यपाल हैं । आखिर वकीलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मी किरण बेदी को क्यों याद कर रहे थे?
31 साल पहले क्‍या हुआ था
पुलिसकर्मियों द्वारा इस मौके पर किरण बेदी को याद करने के पीछे एक लंबी कहानी है । जिसके तार भी तीस हजारी कोर्ट से जुड़े हैं । उस समय भी राजधानी में वकील वर्सेज खाकी वर्दी की नौबत आ गई थी । किरण बेदी ने बिना किसी दबाव के झुके पुलिसकर्मियों के पक्ष में बयान दिया था । दरअसल पूरा मामला 1988 का है, किरण बेदी तब दिल्ली में डीसीपी नॉर्थ के पद पर तैनात थीं । आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक 15 जनवरी 1988 को पुलिस ने एक वकील को सेंट स्टीफेंस कॉलेज से एक लड़की का पर्स चुराते हुए गिरफ्तार किया था । जब 16 जनवरी को इस वकील को हथकड़ी लगाकर तीस हजारी कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया तो वहां के वकील भड़क गए और उन्होंने तत्काल आरोपी वकील को छोड़ने की मांग की और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की । मजिस्ट्रेट ने वकील को उसी दिन छोड़ दिया और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा ।

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हुआ था लाठी चार्ज, वकील हुए घायल
मामले में 18 जनवरी को वकील अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए । जिसके बाद किरण बेदी ने 20 जनवरी को एक बयान जारी किया, और पुलिस के एक्शन को सही करार दिया ।  उन्होंने कथित ‘चोर’ को छोड़ने के लिए मजिस्ट्रेट की आलोचना भी की थी । 21 जनवरी को कुछ वकीलों ने किरण बेदी से मिलने की कोशिश की, तब लाठी चार्ज का आदेश दे दिया गया । जिसमें कई वकील घायल हो गए थे । इसके बाद दिल्ली में खूब हंगामा हुआ । वकील किरण बेदी के इस्तीफे की मांग करते रहे, और 2 महीने तक काम नहीं किया । किरण बेदी ने तब कहा कि पुलिसवाले उनके दफ्तर में जबरन घुस आए थे, वे गालियां दे रहे थे और कपड़े फाड़ दे रहे थे, इसके बाद पुलिस को मजबूरन बल प्रयोग करना पड़ा । आखिरकार मामले में दिल्ली हाई कोर्ट को दखल देना पड़ा और जांच के लिए दो जजों की एक कमेटी गठित की गई । कमेटी ने कहा कि आरोपी वकील को हथकड़ी लगाना गलत था । कमेटी ने किरण बेदी के ट्रांसफर की भी सिफारिश की ।

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नहीं झुकीं किरण बेदी, अब दी ये सलाह  
किरण बेदी ने इस घटना को याद करते हुए एक न्यूज एजेंसी से बात की औश्र कहा कि वकीलों की ओर से उनपर बहुत दबाव बनाया गया, लेकिन वे अपने रुख पर कायम रहीं और झुकने से इनकार कर दिया । किरण बेदी ने कहा कि वकील हथकड़ी पहनाने वाले पुलिसकर्मी के निलंबन/गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे । लेकिन वे नहीं झुकीं । तीस हजारी कोर्ट की मौजूदा घटना के बाद किरण बेदी ने दिल्ली पुलिस को सलाह दी है कि वह अपने रुख पर दृढ़ता से कायम रहे चाहे नतीजा कुछ भी हो ।