आप सोते रह गए, उधर महाराष्ट्र में शिवसेना ने कर दिया बड़ा खेल
महाराष्ट्र में सियासी हलचल अचानक तेज हो गई है । राज्यपाल की ओर से शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता मिलने के बाद एक बाद एक हलचल तेज हो गई है ।
New Delhi, Nov 11: विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद से मचा महाराष्ट्र का सियासी घमासान अब तूफानी हो गया है । राज्य में सरकार बनाने के लिए अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को न्योता दिया है। राज्यपाल कोश्यारी की ओर से शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे से सोमवार शाम 7.30 बजे तक उनकी पार्टी की इच्छा और बहुमत के आंकड़े की जानकारी देने के लिए कहा गया है। इस के साथ ही शिव सेना, कांग्रेस और एनसीपी के खेमों में गतिविधियां तेज हो गई हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने दिया इस्तीफा
इस राजनीतिक उथल – पुथल के बीच केंद्रीय मंत्री एवं शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने अपने इस्तीफे का एलान किया है। केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री का पद संभाल रहे शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि वो अब सरकार का हिस्सा नहीं हैं । अरविंद सावंत के इस्तीफे के पीछे एनसीपी की शर्त बताई जा रही है, एनसीपी साफ कर चुकी है कि शिवसेना एक साथ दो गठबंधनों में नहीं रह सकती है। संभावना है कि इसी वजह से सावंत ने इस्तीफे का एलान किया है।
कांग्रेस का रुख साफ नहीं
खबर है कि कांग्रेस शिवसेना-एनसीपी को बाहर से समर्थन देगी , लेकिन अभी इस पर कांग्रेस का रुख साफ नहीं है । कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक लेंगे, उन्होने कहा कि हम हाईकमान से निर्देश के आधार पर आगे बढ़ेंगे । खड़गे ने कहा कि जनादेश के मुताबिक, हमें विपक्ष में बैठना चाहिए, यही मौजूदा हालात है। वहीं खबर है कि कांग्रेस ने दिल्ली में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पार्टी वर्किंग कमेटी की बैठक बुला ली है । वहीं कुछ ही देर में शिवसेना और एनसीपी की अलग अलग बैठकें भी होनी है।
राज्यपाल के न्यौते के बाद बदले समीकरण
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यपाल के निमंत्रण के बाद ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की । उन्होने पार्टी की ओर से शिवसेना के सामने शर्त रखी है कि पहले वह भाजपा से सभी रिश्ते खत्म करे, मोदी सरकार में शामिल उनके मंत्री इस्तीफा दें । इसके बाद ही सरकार बनाने के लिए समर्थन दिया जाएगा । उधर कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस राजनीति के इस नए घालमेल में शामिल होने से कतरा रही है, कई शीर्ष नेता शिवसेना से दूरी बनाकर रखने के लिए लगातार आगाह कर रहे हैं।