रोहित की कप्तानी में दिखा धोनी जैसा दिमाग, इन फैसलों ने पलट दिया मैच

रोहित की कप्तानी का सबसे स्मार्ट फैसला था दीपक चाहर का सही तरीके से इस्तेमाल करना, आमतौर पर दीपक को पारी की शुरुआत में इस्तेमाल किया जाता है।

New Delhi, Nov 12 : बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे टी-20 में भले रोहित शर्मा सिर्फ 2 रन बनाकर आउट हो गये, लेकिन इसके बावजूद उन्होने इस दबाव भरे मुकाबले में टीम को जीत दिला दी, रोहित का बल्ला भले ही ना चला हो, लेकिन उन्होने अपनी कप्तानी से विरोधी को चारों खाने चित कर दिया, हिटमैन ने इस मुकाबले में कई ऐसे फैसले लिये, जिसने मैच का रुख बदल दिया, रोहित ने नागपुर में ऐसी कप्तानी की, जिसने धोनी की याद दिला दी, आइये आपको रोहित के उन फैसलों के बारे में बताते हैं, जिसने मैच का नक्शा का बदल दिया।

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फैसला नंबर वन
रोहित की कप्तानी का सबसे स्मार्ट फैसला था दीपक चाहर का सही तरीके से इस्तेमाल करना, आमतौर पर दीपक को पारी की शुरुआत में इस्तेमाल किया जाता है, फिर आखिर के लिये 1 ओवर बचाया जाता है, लेकिन नागपुर में हिटमैन ने अलग ही रणनीति अपनाई, रोहित ने उनसे शुरुआत ना करते हुए तीसरे ओवर में पहला ओवर फेंकवाया, चाहर ने इस ओवर में लिट्टन दास और सौम्य सरकार को आउट कर मेहमान टीम को करारा झटका दिया। पहले ही ओवर में दो विकेट के बावजूद रोहित ने चाहर को अटैक से हटा दिया, फिर उन्हें 13वें ओवर में गेंद थमाई, इस ओवर में उन्होने मोहम्मद मिथुन को पवेलियन भेजा, इसके बाद उन्हें 18 वें ओवर में गेंदबाजी के लिये लाये, इस ओवर में दीपक ने हैट्रिक बनाया और टीम इंडिया जीत गई।

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फैसला नंबर टू
रोहित का दूसरा सबसे बड़ा फैसला शिवम दूबे से 16वां ओवर फेंकवाना था, शिवम ने अपने पिछले तीन ओवरों में 29 रन दिये थे, इसके बावजूद कप्तान ने उन पर भरोसा जताते हुए गेंद थमा दी, दूबे ने कप्तान के फैसले को सही साबित करते हुए 81 रन बनाने वाले मोहम्मद नईम को इस ओवर में बोल्ड कर दिया, फिर अगली ही गेंद प र मुश्फिकुर रहीम को बोल्ड मारकर पूरा मैच ही पलट दिया।

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फैसला नंबर थ्री
हिटमैन का तीसरा सबसे बड़ा फैसला आखिरी टी-20 में चार गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरना था, रोहित ने इस मुकाबले में क्रुणाल पंड्या की जगह मनीष पांडे को उतारा, वो चार मुख्य गेंदबाज और एक ऑलराउंडर के साथ मैदान में उतरे, नागपुर की पाटा पिच पर ये फैसला जोखिम भरा था, लेकिन रोहित ने धोनी की तरह की फैसला लिया, इतना ही नहीं उन्होने पहले दो मुकाबलों में महंगे साबित हुए खलील अहमद को भी टीम में जगह दी, कप्तान का भरोसा काम आया, खलील ने 4 ओवर में सिर्फ 27 रन दिये।

फैसला नंबर फोर
रोहित का आखिरी और सबसे बड़ा फैसला था इमरजेंसी टीम मीटिंग, जो उन्होने नईम और मिथुन के साझेदारी के बाद की, इस जोड़ी ने तीसरे विकेट के लिये 98 रन जोड़े, टीम इंडिया के युवा खिलाड़ी दबाव में दिख रहे थे, जिसके बाद रोहित ने तुरंत मीटिंग कर खिलाड़ियों में जज्बा जगाया, रोहित ने खिलाड़ियों से कहा कि हम अपने देश के लिये खेलते हैं, मैं समझ सकता हूं कि जब विकेट ना गिर रहे हों, तो मनोबल को ऊपर रखना मुश्किल होता है, रोहित की इस मीटिंग के बाद खिलाड़ियों ने शानदार वापसी की और टीम को जीत दिला दी।