अब डेंगू से हुई मौत तो मिलेगा मुआवजा, 25 लाख रुपए पीडि़त परिवार को देने होंगे – हाईकोर्ट

बड़ी खबर, डेंगू के प्रति राज्‍य सरकार की लापरवाही के चलते हाईकोर्ट ने मामले में दखल दिया है और इस बीमारी से मौत होने पर पीडि़त परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजे की बात कही है ।

New Delhi, Nov 22: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश में तेजी से फैल रही डेंगू की बीमारी पर राज्‍य सरकार के लापरवाह रवैये को लेकर कड़ी फटकार लगाई है । इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने यूपी सरकार और सभी जिलों के डीएम के लिए दिशा निर्देश भी  जारी किये हैं । कोर्ट ने सभी जिलों के डीएम से डेंगू के मामलों की मानीटरिंग करते हुए बीमारी की रोकथाम और बचाव के लिए एहतियाती कदम उठाए जाने के साथ ही पीड़ितों को बेहतर इलाज मुहैया कराए जाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है ।

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25 लाख मुआवजा
हाईकोर्ट ने ये निर्देश एक मामले में सजा का ऐलान करते हुए दिए । हाईकोर्ट ने एक वकील के बेटे   की डेंगू की बीमारी से हुई मौत मामले में पीड़ित परिवार को 25 लाख रूपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है । कोर्ट ने राज्य सरकार को ये भी निर्देश दिया है कि प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में डायलिसिस यूनिट के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाएगा । इसके साथ ही यह भी कहा है कि डेंगू से बचाव के लिए स्थापित स्पेशल हॉस्पिटल और ब्लड सिपरेशन यूनिट को पूरी तरीके से क्रियाशील रखा जाए, जिसके चलते ताकि डेंगू के मरीजों को इलाज में किसी प्रकार की परेशानी ना होने पाए ।

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जनहित याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता बीपी मिश्रा की जनहित याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने दिया है । वकील बीपी मिश्रा के जवान बेटे की 2016 में डेंगू से मौत हो गई थी । उन्होंने इलाज में लापरवाही बरतने की शिकायत करते हुए मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा था । इस पत्र को अदालत ने जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करते हुए सुनवाई शुरू की ।  कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि युवक की मौत डॉक्टरों द्वारा बीमारी का सही कारण पता न लगा पाने के कारण हुई है । डाक्टर यह भी नहीं जान पाए कि उसे डेंगू है और उसे ऐसी दवाएं दी गई जो डेंगू के मरीज के लिए घातक होती है ।

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राज्‍य सरकार से मांगा था जवाब
हाईकोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों की ओर से एंटीबायोटिक दिए जाने के कारण बाद में मरीज की स्थिति खराब हो गई और उसे बचाया नहीं जा सका । कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा था । मामले में डेंगू से निपटने के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि राज्‍य में कुल 37 सेंटेनियल सर्विलांस हॉस्पिटल स्थापित किए गए हैं, जहां डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के संदिग्धों की जांच की जाती है । साथ ही 32 से ज्‍यादा ब्लड सैपरेशन यूनिट्स भी लगाई गई हैं जहां प्लेटलेट्स तैयार किए जाते हैं ।