महाराष्ट्र बीजेपी की हड़बड़ी ने बिगाड़ दिया पूरा खेल, शरद पवार के पास तैयार था प्लान बी

शिवसेना के साथ जाने के लिये शरद पवार तैयार हो गये थे, फिर पवार ने सोनिया गांधी को भी मना लिया, लेकिन इसके बाद राहुल गांधी की टीम ने शिवसेना के साथ गठबंधन पर नई शर्ते थोपनी शुरु कर दी।

New Delhi, Nov 28 : महाराष्ट्र में आखिकार शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बन ही गई, लेकिन इस गठबंधन के औपचारिक ऐलान की देरी ने तो एक बार सरकार की संभावनाएं ही खत्म कर दी थी, शनिवार सुबह जब फडण्वीस ने सीएम पद की शपथ ली, तो तीनों दलों का एक धड़ा इसके लिये देरी को जिम्मेदार बताने लगे, ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर इतनी देर क्यों हुई।

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टीम राहुल ने रोकी थी राह
सूत्रों का दावा है कि शिवसेना के साथ जाने के लिये शरद पवार तैयार हो गये थे, फिर पवार ने सोनिया गांधी को भी मना लिया, लेकिन इसके बाद राहुल गांधी की टीम ने शिवसेना के साथ गठबंधन पर नई शर्ते थोपनी शुरु कर दी, जिनमें वीर सावरकर से किनारा, कट्टर हिंदुत्व से अलग होना, मराठी राजनीति से अलग किसानों के लिये काम करेंगे। राहुल कैंप के नेताओं ने शिवसेना के साथ शर्त रखी थी कि शिवसेना मनमानी ना करे, नहीं तो अपना रास्ता देख सकती है।

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शरद पवार ने बनवाई सरकार
उद्धव ठाकरे और एनसीपी में सहमति बनने के बाद राहुल गांधी के विरोध के बाद भी कांग्रेस को अपने साथ लाने की जिम्मेदारी शरद पवार ने संभाला, सूत्र का दावा है कि सोनिया गांधी से बात करने से पहले शरद पवार ने अहमद पटेल और मल्लिकार्जुन खडगे और दिग्विजय सिंह से बात की, पटेल और दिग्गी राजा तो तुरंत तैयार हो गये, अहमद पटेल को सोनिया गांधी को मनाने की जिम्मेदारी दी गई, साथ ही ये भी कहा गया कि सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चलेगी।

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हर जगह सेट किये अपने मोहरे
सूत्रों का दावा है कि शरद पवार सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले कांग्रेस की अगली चाल को पूरी तरह से समझ लेना चाहते थे, 18 नवंबर को कांग्रेस सरकार बनाने पर सहमत हो गई, फिर शरद पवार ने सोनिया गांधी से मुलाकात की, इस मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने भी हरी झंडी दिखा दी, लेकिन तब सरकार की रुपरेखा क्या होगी, इस पर सहमति नहीं बन पाई थी।

पवार के पास तैयार था प्लान बी
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शरद पवार पीएम मोदी से मिलने पहुंचे, एनसीपी से जुड़़े सूत्रों का दावा है कि पवार और मोदी मुलाकात में महाराष्ट्र की सियासत को लेकर भी चर्चा हुई, पवार ने नरेन्द्र मोदी को भरोसा दिलाया, कि अगर एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन की सरकार नहीं बन पाई, तो एनसीपी बीजेपी के साथ जाने पर विचार कर सकती है, लेकिन महाराष्ट्र बीजेपी की हड़बड़ी ने पूरा खेल ही बिगाड़ दिया।