कभी सब्जी बेच करते थे गुजारा, अब ठाकरे सरकार में बने मंत्री, बाल ठाकरे  को दिया था ‘धोखा’

2014 में सत्ता जाने का बाद वो करप्शन के आरोपों में फंसते चले गये, मार्च 2016 में दिल्ली में बने महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया।

New Delhi, Nov 29 : मुंबई के भायखला बाजार में सब्जी बेचने वाला एक युवक शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के भाषणों से बड़ा प्रभावित था, उस युवक की मां भी उसी बाजार में छोटी सी दुकान में फल बेचती थी, बाल ठाकरे से प्रभावित होकर इस युवक ने काम छोड़कर राजनीति में उतरने का फैसला लिया, इस महत्वकांक्षी नौजवान का नाम था छगन चंद्रकांत भुजबल, उन्होने इंजीनियरिंग की पढाई बीच में ही छोड़कर शिवसेना में शामिल हो गये।

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मुंबई के मेयर बने
साल 1985 में छगन भुजबल मुंबई के मेयर चुने गये, तब छगन शिवसेना के लीलाधर डाके और सुधीर जोशी जैसे दूसरे स्तर के नेताओं की कतार में गिने जाते थे, लेकिन अपनी लगन और मेहनत से उन्होने बाला साहेब का भरोसा जीता, जिसके बाद उन्हें मुंबई का मेयर बनाया गया।

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इसलिये छोड़ी शिवसेना
शिवसेना ने 1989 में हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया, 1990 में शिवसेना के 52 विधायक पहली बार चुने गये, पार्टी प्रमुख बाल ठाकरे ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मनोहर जोशी को दे दी, जबकि छगन भुजबल की भी इस पर नजर थी, माना जाता है कि इसी वजह से उन्होने शिवसेना छोड़ने का फैसला लिया।

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शरद पवार कांग्रेस में लाये
1991 में छगन भुजबल नागपुर में विधानसभा सत्र के दौरान 9 विधायकों के साथ कांग्रेस में चले गये, कहा जाता है कि शरद पवार भुजबल को कांग्रेस में लेकर आये थे, बाद में उन्होने पवार के साथ एनसीपी बना ली। छगन भुजबल के शिवसेना छोड़ने की वजह से बाल ठाकरे काफी नाराज हुए थे, उन्होने भुजबल को लखोबा लोखंडे का नाम दिया था, ये मशहूर मराठी नाटक का एक बदनाम पात्र है।

भ्रष्टाचार के आरोप
2014 में सत्ता जाने का बाद वो करप्शन के आरोपों में फंसते चले गये, मार्च 2016 में दिल्ली में बने महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया, उन पर मनी लांड्रिंग का भी केस दर्ज है, उन्हें मुंबई के आर्थर रोड जेल में रखा गया, फिर मई 2018 में उन्हें जमानत मिली, खास बात ये है कि आर्थर रोज में जिस अंडा सेल का निर्माण उन्होने करवाया था, गिरफ्तारी के बाद उन्हें उसी सेल में रखा गया।