बिहार में इस वजह से बढ रही HIV मरीजों की संख्या, रोजाना आ रहे 10-15 नये मरीज

बिहार में एड्स रोगियों के इलाज के लिये 20 एआरटी सेंटर में मुफ्त दवाईयां भी उपलब्ध कराई गई है, एआरटी सेंटर में प्रदेश सरकार सलाना 38 करोड़ रुपये खर्च करती है।

New Delhi, Dec 01 : एचआईवी एड्स को लेकर भले केन्द्र और राज्य सरकार जागरुकता अभियान चला रही हो, लेकिन बिहार में इन दिनों एड्स मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, राज्य में एड्स के पंजीकृत मरीजों के आंकड़े बढकर 95325 तक पहुंच गई है, मरीजों की संख्या को लेकर प्रदेश सरकार ने जगह-जगह एआरटी सेंटर खुलवाये हैं, इसके साथ ही आशा की किरण नामक योजना की भी शुरुआत की है, जिसके एवज में 23 करोड़ की राशि की खर्च की जा रही है।

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ज्यादा मरीज
बिहार में एड्स रोगियों के इलाज के लिये 20 एआरटी सेंटर में मुफ्त दवाईयां भी उपलब्ध कराई गई है, एआरटी सेंटर में प्रदेश सरकार सलाना 38 करोड़ रुपये खर्च करती है। तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश की तुलना में बिहार में मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, अगर गैर सरकारी आंकड़ों की बात करें तो राज्य में करीब 1.27 लाख लोग एचआईवी संक्रमण से पीड़ित हैं, सरकार की ओर से एड्स मरीजों को आशा की किरण नामक योजना के अंतर्गत 1500 रुपये हर महीने दिये जाते हैं, करीब 22 हजार मरीजों को इस योजना का लाभ मिल रहा है।

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18 साल से ज्यादा उम्र की मरीजों की संख्या ज्यादा
आंकड़ों के अनुसार बिहार में कुल 57815 एचआईवी संक्रमित मरीज एआरवी दवा का सेवन कर रहे हैं, जिसमें 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 53667 है, राज्य में कई जगह मरीजों के लिये काउंसिलिंग सेंटर भी खोल गये हैं, जहां एचआईवी मरीजों की गुप्त रुप से काउंसिलिंग कर बेहतर जिंदगी जीने, सरकारी योजनाओं का लाभ लेने और संक्रमण से बचने का उपाय बताया जाता है, काउंसिलिंग सेंटर के को-ऑडिनेटर जितेन्द्र कुमार ने बताया कि रोजाना 150 मरीजों की काउंसिलिंग कर उन्हें जागरुक किया जाता है।

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पलायन बड़ी वजह
एड्स कंट्रोल सोसाइटी के असिस्टेंट प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभय कुमार ने बताया कि नैको की ओर से अब तक चार फेज का अभियान पूरा हो चुका है, अब स्टेप वाइज संक्रमण की स्थिति को दूर करने की कोशिश चल रही है, उन्होने कहा कि बिहार में मुख्य रुप से पलायन की वजह से एड्स मरीजों के आंकड़ों में कमी नहीं हो रही है, क्योंकि ज्यादातर मरीज मजदूर वर्ग के होते हैं, ये लोग बिहार से बाहर रोजगार की तलाश में जाते हैं।

रोज आ रहे नये मरीज
बिहार सरकार ने गंभीर रुप से बीमार एड्स मरीजों के लिये गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में विशेष व्यवस्था की है, जिसमें रोजाना 10 से 15 मरीज भर्ती हो रही है, उनका ना सिर्फ मुफ्त में इलाज हो रहा है, बल्कि काउंसिलिंग के साथ उन्हें दवाई भी दी जा रही है।