बहुमत साबित करने के बाद ठाकरे सरकार को सता रहा ये डर, बीजेपी बड़े दांव की तैयारी में
विधानसभा अध्यक्ष के लिये कांग्रेस की ओर से नाना पटोले को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि बीजेपी ने किशन शंकर कथोरे को प्रत्याशी बनाया है।
New Delhi, Dec 01 : महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद अब उद्धव ठाकरे सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है, सदन में अब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है, महा विकास अघाड़ी गठबंधन के समझौते के तहत विधानसभा स्पीकर की कुर्सी कांग्रेस को देने पर सहमति बनी लहै, ऐसे में जरुरी है कि शिनसेना, कांग्रेस और एनसीपी के विधायक उन्हें वोट करें, नियमों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव गुप्त मतदान से होता है, लेकिन सरकार इसके लिये ओपन वोटिंग की मांग कर रही है, सरकार चाहती है कि विश्वास मत की तरह ही अध्यक्ष चुनाव भी ओपन वोटिंग से हो, ताकि विधायकों के ना टूटने का डर बना रहे, अध्यक्ष चुनाव को लेकर पूर्व सीएम पृथ्वी राज चव्हाण ने पहले ही कहा है कि चुनाव खुले मतदान से ही होगा।
नाना पटोले उम्मीदवार
विधानसभा अध्यक्ष के लिये कांग्रेस की ओर से नाना पटोले को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि बीजेपी ने किशन शंकर कथोरे को प्रत्याशी बनाया है, कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा कि नाना पटोले स्पीकर के चुनाव में हमारे उम्मीदवार हैं, पटोले विदर्भ के सकोली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
बहुमत के फैसले पर हो सकता है खुला मतदान
हाल के दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में जिस तरह के उलटफेर हुए हैं, उसे देखने के बाद ये तय है कि रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हंगामेदार होने वाला है, मतदान के लिये उद्धव सरकार सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दे सकती है, जिसमें कोर्ट ने राज्य में विधायकों के खरीद-फरोख्त ना होने देने के लिये खुले मतदान को मंजूरी दी थी, इस के साथ ही पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण करने को कहा था, जिससे सदन में पारदर्शिता बनी रहे, इस के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायक और मत से खुले मतदान की वकालत करेंगे, जिससे बहुमत के आधार पर खुला मतदान हो सकता है।
सत्ता पक्ष के लिये मुश्किल नहीं
सत्ता पक्ष के लिये अध्यक्ष का चुनाव खुले मतदान से कराना मुश्किल नहीं होगा, इसका एक बड़ा कारण ये है कि उनके पास 169 विधायकों का समर्थन है, प्रोटेम स्पीकर की कुर्सी अभी एनसीपी के दिलीप वलसे पाटिल के पास है, ऐसे में जब सत्ता पक्ष खुली वोटिंग का प्रस्ताव करता है, तो प्रोटेम स्पीकर इसके लिये ध्वनि मत का सहारा ले सकते हैं, ऐसे में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
निर्विरोध चुनाव होने की परंपरा
कांग्रेस उम्मीदवार ने मीडिया ने कहा कि बीजेपी के पास लोकतंत्र में उम्मीदवार उतारने का अधिकार है, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा में ये परंपरा रही है कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होता है, हमें उम्मीद है कि ये परंपरा जारी रहेगी, पटोले और कथोरे दोनों ही चौथी बार विधायक बने हैं।