शरद पवार का बड़ा खुलासा, फडण्वीस और अजित पवार के बातचीत की थी जानकारी

अब शरद पवार ने एक इंटरव्यू में कहा है कि मैं जानता था कि फडण्वीस और अजित पवार के बीच बातचीत चल रही है।

New Delhi, Dec 04 : पिछले दो दिनों में दूसरा बड़ा खुलासा करते हुए एनसीपी चीफ शरद पवार ने मंगलवार को कहा, कि उन्हें पता था कि उनके भतीजे अजित पवार बीजेपी नेता और पूर्व सीएम देवेन्द्र फडण्वीस के संपर्क में हैं, पवार ने 23 नवंबर की सुबह कहा था कि उन्हें कुछ भी नहीं पता, इसके साथ ही उन्होने खुद को अजित पवार के लिये गये फैसले से खुद को दूर कर लिया था, पवार ने सोमवार को कहा था कि पीएम मोदी ने साथ काम करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होने प्रस्ताव खारिज कर दिया।

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4 दिन में गिर गई सरकार
फडण्वीस और अजित पवार ने 23 नवंबर की सुबह सीएम और डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी, तब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने में जुटी हुई थी, उद्धव ठाकरे को सीएम पद का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन अचानक अजित पवार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली, हालांकि फिर शरद पवार के दखल के बाद 26 नवंबर को दोनों को इस्तीफा देना पड़ा।

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बातचीत की जानकारी थी
अब शरद पवार ने एक इंटरव्यू में कहा है कि मैं जानता था कि फडण्वीस और अजित पवार के बीच बातचीत चल रही है, लेकिन ये कयास की मुझे अजित के राजनीतिक कदम के बारे में पता था, गलत है, हालांकि शरद पवार भतीजे अजित के प्रति नरम दिखे, उन्होने कहा कि अजित कांग्रेस के साथ सरकार गठन को लेकर चल रही बातचीत की गति से नाखुश थे, इसके साथ ही सत्ता की साझेदारी को लेकर खींचतान से भी खुश नहीं थे, शरद पवार ने ये भी कहा कि उन्होने कभी शिवसेना के साथ गठबंधन के बारे में सोचा नहीं था।

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पूर्व सहमति का सम्मान नहीं किया
पवार ने कहा कि हम जानते थे कि चुनाव पूर्व गठबंधन (शिवसेना-बीजेपी) में गंभीर मतभेद उभर गये थे, पूर्व सहमति का सम्मान नहीं किया गया था, शिवसेना नाखुश थी, हम पूरी गतिविधि पर नजर रखे हुए थे, हालांकि शरद पवार ने ये साफ नहीं किया कि किस पूर्व सहमति का संदर्भ दे रहे थे, पवार ने कहा कि शिवसेना के साथ चुनाव से पहले कोई बातचीत नहीं हुई थी, हम उनके खिलाफ चुनाव लड़े थे, उनसे जुड़ने का कोई सवाल ही नहीं था, पवार ने कहा कि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी, कि अजित ऐसा व्यवहार करेंगे।

अजित बनेंगे मंत्री
अजित पवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बनाये जाने के सवाल पर एनसीपी चीफ ने कहा कि विधानसभा के शीत सत्र के बाद पार्टी इस पर फैसला लेगी, प्रदेश सरकार 5 साल चलेगी, इस सवाल पर उन्होने कहा कि सरकार कार्यकाल पूरा करेगी, और विभागों के बंटवारे को लेकर कोई खींचतान नहीं है, सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम से चलेगी ना कि किसी की विचारधारा से।