पीएम मोदी के इस दांव से एक बार फिर चित हुए केजरीवाल, चढा दिल्ली का सियासी पारा

मोदी सरकार के इस फैसले से दिल्ली में रहने वाले चालीस लाख लोगों को फायदा मिलेगा, इन कॉलोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक देने की घोषणा के साथ ही बीजेपी ने एक बड़ा दांव दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर खेल दिया है।

New Delhi, Dec 05 : मोदी सरकार ने राजधानी दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को लेकर इसी साल अक्टूबर में जो बड़ा ऐलान किया था, उसे पूरा कर दिया है, बुधवार को दिल्ली की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को शानदार तोहफा मिल गया है, अवैध कॉलोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक दिलाने वाला बिल राज्यसभा में पास हो चुका है, पिछले सप्ताह ही इस बिल को लोकसभा में पास किया गया था, इस बिल के पास हो जाने के बाद अब दिल्ली के 1797 कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक मिल जाएगा, लेकिन इस बिल को पास कराने को लेकर आप ने शीतकालीन सत्र शुरु होने से पहले बड़ा बयान दिया था।

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मोदी के दांव से केजरीवाल चित
संसद शीतकालीन सत्र के पहले दिन आप के सभी सांसदों ने बिल पास कराने को लेकर प्रदर्शन किया था, आप नेताओं ने आरोप लगाया था कि बीते 23 अक्टूबर को मोदी सरकार ने जो प्रस्ताव पास किया था, वो सिर्फ दिखावटी था, मालूम हो कि अक्टूबर महीने में कैबिनेट बैठक में अवैध कॉलोनियों को पक्का करने को लेकर मंजूरी दे दी गई थी, इस फैसले के बाद शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि आज दिल्ली की आबादी दो करोड़ से ज्यादा है, 11 साल पहले 2008 में भी कोशिश हुई थी, दिल्ली सरकार काम को लटका रही थी, 2018 में बोले, कि अभी दो साल और चाहिये, जिसके बाद लगा कि अब केन्द्र सरकार को ही कदम बढाने होंगे, ये दिल्ली की जनता के लिये रिवोल्यूशनरी कदम है, सभी मकान मालिकों को अब उनका हक दिया जाएगा, भले ही ये कॉलोनियां सरकारी या निजी जमीन पर बनी हो।

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40 लाख लोगों को फायदा
मोदी सरकार के इस फैसले से दिल्ली में रहने वाले चालीस लाख लोगों को फायदा मिलेगा, इन कॉलोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक देने की घोषणा के साथ ही बीजेपी ने एक बड़ा दांव दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर खेल दिया है, इस फैसले के बाद अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को भी बिजली, पानी का स्थायी मीटर और सरकार द्वारा चलायी जाने वाली अलग-अलग योजनाओं का पूरा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही सड़क, नाले और गली की स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जिम्मेदारी भी नगर निगम की होगी, बच्चों को खेलने के लिये पार्क, सामुदायिक भवन जैसी सुविधाएं भी मिलनी शुरु हो जाएंगी, दिल्ली की ये 1797 कॉलोनियां 175 वर्ग किमी में फैली है।

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आप ने उठाये थे सवाल
एक्सपर्ट्स का कहना है कि संसद में बिल पास हो जाने से दिल्ली विधानसभा चुनाव पर भी इसका बड़ा असर दिख सकता है, दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने भी इसे नियमित करने की मंजूरी पहले ही दे दी थी, साथ ही एलजी ने अवैध कॉलोनियों के मामलों में दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम के मामलों को वापस लेने का निर्देश दिया था, इसके अलावा राजधानी के 79 गांवों के शहरीकरण को भी मंजूरी दे दी गई है, अब अवैध कॉलोनियों में रहने वालों को उनके घरों के कागजात मिल जाएंगे, अब यहां के लोग आसानी से घर खरीद और बेच सकेंगे।

चुनाव में बन सकता है मुद्दा
18 नवंबर को संसद सत्र के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस बिल को लेकर ट्वीट किया था, उन्होने संसदीय कार्य मंत्रालय का एक दस्तावेज दिखाते हुए कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में पेश होने वाले बिलों की जानकारी है, लेकिन इस सूची में कहीं भी दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने संबंधी बात नहीं लिखी गई है, सत्र शुरु होने पर आप के सभी सांसदों ने इसका विरोध किया था, लेकिन बुधवार को आखिरकार ये बिल पास हो ही गया, अब बीजेपी नेता इसे भुनाने की कोशिश में हैं।