रघुवर दास की बेटी – दामाद का बड़ा खुलासा, बताया पापा क्‍यों हार गए

झारखंड में नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं रहे, यहां तक कि खुद मुख्‍यमंत्री रघुवर दास अपनी सीट नहीं बचा सके । दास क्‍यों चुनाव हार गए, खुद उनकी बेटी बता रही हैं ।

New Delhi, Dec 25: झारखंड विधानसभा चुनाव के ऐसे परिणाम होंगे ये शायद ही भारतीय जनता पार्टी ने सोचा होगा । बीजेपी का प्रदर्शन यहां बेहद ही खराब रहा, इतना ही नहीं मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद की सीट तक नहीं बचा सके । पिता की हार का दर्द रघुवर दास की बेटी रेणु साहू को नतीजों के बाद से ही परेशान कर रहा है । पिता की हार से दुखी रेणु नतीजे आने के बाद अपने कमरे में ही बैठी रहीं ।

Advertisement

मीडिया से बातचीत में बोलीं रेणु साहा
रेणा से जब उनके पिता की हार के पीछे की वजह पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पिता की हार के पीछे सबसे बड़ी वजह उनकी स्पष्टवादिता रही। उन्‍हाने कहा कि कार्यकर्ता और सरयू राय के दुष्प्रचार ने आग में घी का काम किया, जिससे पापा चुनाव हार गए । रघुवर दास की बेटी रेणु साहू और दामाद यशपाल साहू ने नई दुनिया से बातचीत में ये सब बातें कहीं ।
ईमानदारी ले डूबी : रेणु साहा
उन्‍होने कहा कि – पापा बेहद ही स्पष्टवादी हैं। दरअसल जब मुख्यमंत्री बने, तभी से कुछ   कार्यकर्ताओं की बिजनेस उम्मीद बढ़ गई थी। किसी को दारू, किसी को कोयला का ठेका तो किसी को कुछ और चाहिए था। पापा बेहद ईमानदार ठहरे, पार्टी और प्रदेश के लिए कर्मठ हैं। वह किसी भी कार्यकर्ताओं को गलत और अनैतिक कार्य करने ही नहीं दिए। उन्होंने तल्ख लहजे में ऐसे कार्यकर्ताओं को सीधे मना ही कर दिया। इसी वजह से उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जाने लगा।

Advertisement

सरयु राय पर मढ़े आरोप
वहीं राज्‍य में सरयू राय द्वारा कार्यकर्ताओं को दरकिनार किए जाने के सवाल पर उनके दामाद ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है । बगैर कार्यकर्ताओं के कुछ भी संभव नहीं है। किंतु कुछ कार्यकर्ता और सरयू राय ही शुरू से दुष्प्रचार करते रहे । रघुवर दास पर लग रहे आरोपों पर दामाद यशपाल ने कहा कि यह सफेद झूठ है, किसी शख्स को उनके परिजनों जितना कोई नहीं जान सकता। इसलिए यह मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि पापा के लिए हम लोग थे ही नहीं, उनके लिए हमसे ज्यादा भाजपा परिवार और झारखंड की जनता ही मायने रखती रही है। उन्होंने पहले झारखंड और भाजपा को ही तवज्जो दिया।

Advertisement

बाहरी होना पड़ा भारी : रघुवर दास के दामाद
रघुवर दास के दामाद ने नई दुनिया से बातचीत में बताया कि पापाजी के बाहरी होने का आंतरिक विरोध भी झेलना पड़ा। उन्होंने कहा-छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड बना। किंतु वहां काफी ज्यादा राजनीतिक अस्थिरता रही। वहां एक या दो वर्ष में नए सीएम बनने की खबरें आती थीं। कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण नहीं कर पाया। इसके मुकाबले पापा (रघुवर दास) अपने पांच साल का कार्यकाल पूर्ण कर लिए और एक अस्थिर राज्य को स्थिर सरकार भी दिया। इसकी हमें खुशी है।