Opinion – मोदी-शाह से नफरत मत करो, मोदी-शाह का विकल्प तैयार करो

नकारात्मक सोच रखते हुए अराजकता के मार्ग पर आगे बढ़ने से पहले ज़रा रुको, दिमाग के दरवाज़े खोलो और साफ नीयत से नया नेतृत्व और नई नीति अपनाने के बारे में सोचो।

New Delhi, Jan 01 : चूंकि लोकतंत्र की कामयाबी के लिए एक ज़िम्मेदार और मज़बूत विपक्ष का होना बेहद ज़रूरी है, इसलिए नए साल का मेरा पहला संदेश यह है कि जो लोग भी कांग्रेस पार्टी से ज़रा भी सहानुभूति रखते हैं, वे इस पार्टी को नेहरू-गांधी-वाड्रा परिवार के भयानक वंशवादी चंगुल से आज़ादी दिलाने के लिए अभियान चलाएं।

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जवाहर लाल नेहरू -> इंदिरा गांधी-> संजय गांधी -> राजीव गांधी -> सोनिया गांधी -> राहुल गांधी -> प्रियंका वाड्रा ———–
यह राजतंत्री अनुक्रम बताता है कि कांग्रेस पार्टी की प्रथम चिंता लोक और लोकतंत्र के लिए हो ही नहीं सकती, क्योंकि येन केन प्रकारेण उसे इस राजपरिवार के हितों की रक्षा करनी है। और इस राजपरिवार की भी पहली प्राथमिकता निस्संदेह अपने सियासी अस्तित्व की चिंता ही होगी, न कि देश और उसकी जनता की चिंता।
जो लोग यह समझते हैं कि मैं कांग्रेस विरोधी हूं, वे सही नहीं समझते। मैं केवल देश को लोकतंत्र के नाम पर एक ही परिवार के अयोग्य, दृष्टिविहीन और बनावटी लोगों के राजतंत्र से बचाना चाहता हूं।

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इसलिए कांग्रेस पार्टी से जुड़े और उससे सहानुभुति रखने वाले मेरे तमाम प्यारे भाइयो और बहनो,
अपने समय, श्रम, संसाधन और प्रतिभा को एक राज परिवार विशेष की अस्तित्व रक्षा में समर्पित करने की गुलाम सोच से बाहर निकलो और आज से केवल और केवल देश और जनता के हित में सोचना शुरू करो। मैं और मेरी तरह के करोड़ों लोग आपको अपने साथ खड़े मिलेंगे। इन लोगों ने देश पर काफी शासन कर लिया है, इसलिए अब इन्हें भी मुक्ति दो और खुद भी मुक्त महसूस करो।

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और, मोदी-शाह से नफरत मत करो, मोदी-शाह का विकल्प तैयार करो। लोकतंत्र किसी की लकीर छोटी करने से नहीं, उससे बड़ी लकीर खींचने से समृद्ध होगा। इसलिए नकारात्मक सोच रखते हुए अराजकता के मार्ग पर आगे बढ़ने से पहले ज़रा रुको, दिमाग के दरवाज़े खोलो और साफ नीयत से नया नेतृत्व और नई नीति अपनाने के बारे में सोचो।
और प्लीज इस पोस्ट पर मुझे गालियां मत देना। बाबा कबीरदास ने “निंदक” को अपने घर में ससम्मान बिठाने के लिए कहा है, गालियां देने के लिए नहीं कहा है। अगर आप मेरा निहितार्थ समझ गए, तो आप सबको नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं। धन्यवाद।

(वरिष्ठ पत्रकार अभिरंजन कुमार के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)