RTI से बड़ा खुलासा, केजरीवाल ने विज्ञापन पर खर्च किये इतने रुपये, शीला सरकार से 4 गुणा

आरटीआई में बताया गया है कि इसमें बाहरी प्रचार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और अन्य प्रमुख के रुप में विज्ञापन और प्रचार के तहत शामिल है।

New Delhi, Jan 10 : सूचना का अधिकार अधिनियम से मिली जानकारी के मुताबिक आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने अपने पहले चार सालों में करीब हर साल 78 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च किये हैं, जबकि इसकी तुलना में पिछली शीला दीक्षित की सरकार ने हर साल 19 करोड़ रुपये सलाना विज्ञापनों पर खर्च किये थे। यानी केजरीवाल शीला दीक्षित से करीब चार गुणा पैसे विज्ञापन पर खर्च कर रहे हैं।

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आरटीआई से सूचना
आईएएनएस को आरटीआई द्वारा सूचित किया गया है कि शीला दीक्षित की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने 2008 से 12 तक करीब 75.9 करोड़ रुपये खर्च किये, यानी हर साल करीब 18.97 करोड़ रुपये। जबकि केजरीवाल सरकार ने 2015 से 2019 के बीच 311.78 करोड़ रुपये खर्च किये हैं, यानी हर साल करीब 77.94 करोड़ रुपये।

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विज्ञापन शुल्क भी बढा
आपको ये भी बता दें कि प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों द्वारा लिया जाने वाला औसत विज्ञापन शुल्क भी कांग्रेस सरकार के समय की तुलना में करीब 20 से 40 फीसदी तक बढ गया है। सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) ने आरटीआई आवेदन के जवाब में बताया कि आम आदमी पार्टी सरकार 2015 में सत्ता में आई थी, और 2015-16 में विज्ञापनों पर 81.23 करोड़, 2016-17 में 67.25 करोड़, 2017-18 में सबसे ज्यादा 117.76 करोड़ खर्च किये गये, 2018-19 में 45.54 करोड़ रुपया किया गया।

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प्रचार पर खर्च
दिल्ली सरकार ने इस साल 31 जुलाई तक 29.92 करोड़ रुपये खर्च किये हैं, आरटीआई में बताया गया है कि इसमें बाहरी प्रचार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और अन्य प्रमुख के रुप में विज्ञापन और प्रचार के तहत शामिल है। 2015 में जब केजरीवाल दोबारा सीएम बनें, तब से ही दिल्ली बीजेपी सरकार को विज्ञापनों में ज्यादा खर्च करने पर घेरती रही है।