न्यूजीलैंड दौरे से पहले टीम इंडिया को बड़ा झटका, टेस्ट में हार्दिक पंड्या फेल, इस ऑलराउंडर को मिला मौका

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि हार्दिक पंड्या दो अनिवार्य फिटनेस परीक्षण में विफल रहे।

New Delhi, Jan 12 : टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या इन दिनों सुर्खियों में हैं, हाल ही में उन्होने एक्ट्रेस नताशा स्टानकोविक से सगाई की है, अब हार्दिक मुंबई में अनिवार्य फिटनेस टेस्ट में फेल हो गये हैं, जिसके बाद उन्हें न्यूजीलैंड दौरे के लिये इंडिया ए टीम से बाहर कर दिया गया है, तमिलनाडु के कप्तान विजय शंकर को उनकी जगह इंडिया ए में चुना गया है, आपको बता दें कि इंडिया ए को न्यूजीलैंड दौरे पर 3 लिस्ट ए मैच और दो दिवसीय मैचों से पहले 50 ओवर के दो अभ्यास मैच खेलने हैं।

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यो-यो टेस्ट से अलग है फिटनेस टेस्ट
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि हार्दिक पंड्या दो अनिवार्य फिटनेस परीक्षण में विफल रहे, उनके स्कोर स्वीकृत स्तर से काफी कम रहे, जो ये साबित करता है, कि उन्हें अपनी फिटनेस पर काम करने की जरुरत है, भारत ए के फिटनेस परीक्षण में यो-यो टेस्ट शामिल नहीं है, चयनकर्ताओं ने बिना किसी रणजी ट्रॉफी मैच खेले ही हार्दिक पंड्या को इंडिया ए टीम में जगह दी थी।

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अब टीम इंडिया में शायद ही हो बड़े बदलाव
ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या के फिटनेस टेस्ट में फेल होने से न्यूजीलैंड के 6 हफ्ते के आगामी दौरे के लिये इंडिया ए की टीम में ज्यादा फेर बदल की उम्मीद नहीं है, टीम 24 जनवरी से शुरु होने वाले दौरे में 5 टी-20 इंटरनेशनल, 3 वनडे और दो टेस्ट मैच खेलने उतरेगी, इस दौरे के लिये भारतीय टीम का चयन रविवार को होना है, पीठ में चोट की वजह से 4 महीने से क्रिकेट से दूर हार्दिक की वापसी की बात कही जा रही थी, लेकिन फिटनेस टेस्ट में फेल होने के बाद कहा जा रहा है, कि उन्हें अभी और इंतजार करना होगा।

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न्यूजीलैंड दौरे पर 5 टी-20 और 3 वनडे
न्यूजीलैंड में टीम इंडिया सीमित ओवरों के 8 मैच खेलेगी, ये देखना दिलचस्प होगा, कि चयनकर्ता 15 के बजाय 16 या 17 सदस्यों की टीम दौरे पर भेजेंगे या नहीं, इंडिया ए का दौरा भी सीनियर टीम के दौरे के साथ ही हो रहा है, तो चयनकर्ताओं के पास जरुरत पड़ने पर खिलाड़ियों को तुरंत शामिल करने का विकल्प होगा, इस साल ऑस्ट्रेलिया में टी-20 विश्वकप खेला जाना है, जिसे देखते हुए चयनकर्ताओं का मुख्य ध्यान सफेद गेंद के क्रिकेटरों पर ज्यादा है।