उमेश यादव कम मौके मिलने से नाराज, भारत छोड़ इंग्लैंड जाने को तैयार

उमेश यादव ने 2019 में खेले 4 टेस्ट मैचों में 23 विकेट हासिल किये, अब तीन रणजी मैच खेले हैं।

New Delhi, Jan 20 : इंटरनेशनल लेवल के गेंदबाज अपने कार्यभार को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन टीम इंडिया के गेंदबाज उमेश यादव कम गेंदबाजी से परेशान हैं, उनका कहना है कि वो अधिक गेंदबाजी करने के लिये काउंटी क्रिकेट में खेलने पर निगाह लगाये हुए हैं, उमेश यादव की गिनती भारत की खतरनाक पेस बैटरी में होती है, लेकिन सफेद गेंद के क्रिकेट में वो ज्यादा नहीं दिखते, उमेश ने कहा कि कार्यभार प्रबंधन ऐसा संतुलन है, जो आपके लगातार मैच खेलने पर किया जाता है, लेकिन मेरे मामले में थोड़ा उलट है, मैंने पछले दो सालों में काफी कम खेला है, इसलिये मेरे ऊपर ऐसा कार्यभार नहीं है।

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उमेश यादव ने 2 साल में 8 टेस्ट ही खेले
विदर्भ के लिये रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के लिये उमेश यादव दिल्ली आये हुए हैं, उनके नाम 45 टेस्ट मैचों में 142 विकेट है, तेज गेंदबाज के मुताबिक उनकी उम्र में उन्हें ज्यादा से ज्यादा खेलने की जरुरत है ताकि मैं लय में रह सकूं, तेज गेंदबाज ने कहा कि मैं 31 साल का हूं, मेरे लिये अगले चार -पांच साल काफी अहम हैं, अगर आप मेरे रिकॉर्ड को देखें, तो मैंने पिछले साल चार टेस्ट मैच खेले, और उससे पिछले साल 2018 में भी चार टेस्ट मैच खेले, सफेद गेंद से मैंने पिछले साल सिर्फ एक मैच खेला।

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75 वनडे में 106 विकेट
उमेश यादव ने 2019 में खेले 4 टेस्ट मैचों में 23 विकेट हासिल किये, अब तीन रणजी मैच खेले हैं, उन्होने कहा कि इस उम्र में मैं जितनी ज्यादा गेंदबाजी करुंगा, उतना बेहतर बनूंगा, इसलिये मैं 5 प्रथम श्रेणी मैच खेल रहा हूं, ताकि गेंदबाजी का मौका मिले। आपको बता दें कि उमेश यादव ने 75 वनडे मैचों में 106 विकेट हासिल किये हैं।

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2019 में नहीं बन पाई थी बात
उमेश यादव ने बताया कि मुझे पिछले सीजन में ग्लूस्टनशर ने काउंटी क्रिकेट खेलने का ऑफर दिया था, वो मुझे सात मैचों में खिलाना चाहते थे, लेकिन बीसीसीआई के कार्यभार प्रबंधन नीति मुझे दो या तीन से ज्यादा मैच खेलने की अनुमति नहीं दे रही थी, इसलिये बात बन नहीं पाई, साथ ही आईपीएल के बाद मुझे कुछ हल्की-फुल्की चोटें भी आई थी, लेकिन इस साल मैं इंग्लैंड जाने की कोशिश कर रहा हूं।